बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है. इस अपडेट के मुताबिक बिहार में 107 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं. बिहार में फिलहाल 405 कोरोना के एक्टिव मरीज है.
#BiharFightsCorona
Update of the day.
➡️ 107 more #COVID19 +ve cases have been reported so far on 17th March.
➡️Taking total count of Active cases in Bihar to 405 .
The break up is as follows.#BiharHealthDept #COVID__19 pic.twitter.com/9G7fZwftdC— Bihar Health Dept (@BiharHealthDept) March 18, 2021
राजधानी पटना में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी पटना में एक बार फिर से सबसे ज्यादा 15 नए मामले सामने आये हैं. गुरुवार को जारी ताजा अपडेट के मुताबिक बिहार के विभिन्न जिलों से 107 नए मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही राज्य में कुल एक्टिव केस 405 हो गया है.
क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक
राज्य के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (Crisis Management Group) की बैठक हुई थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद थे. बैठक में सभी जिलों के डीएम और सिविल सर्जन को जहां अलर्ट किया गया है, वहीं निर्देश दिया गया है कि बाहर से आनेवाले लोगों की अनिवार्य रूप से कोरोना जांच हो साथ ही उनके सम्पर्क में आए लोगों की भी एंटीजन या आरटीपीसीआर किट से जांच की जाए.
कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट बिना एंट्री पर बैन
स्वास्थ्य विभाग ने यहां तक कि सभी बस स्टॉप, रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर बाहर से आनेवाले यात्रियों के लिए नियम लागू कर दिया है कि बिना कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट (Corona Negative Certificate) के एंट्री नहीं दी जाएगी या फिर सर्टिफिकेट नहीं रहने पर स्पॉट पर ही कोरोना की जांच होगी. पॉजिटिव पाए जाने के बाद यात्रियों को घर की बजाय सीधा अब आइसोलेशन सेंटर भेजा जाएगा जिसको लेकर टीमें गठित कर दी गयी हैं.
चौतरफा अलर्ट, आइसोलेशन सेंटर बढ़ाने के निर्देश
राज्य में सभी आइसोलेशन सेंटर और क्वारेंटीन सेंटर पिछले 4 महीने से खाली हो गए थे, लेकिन अचानक बढ़ते आंकड़ों के बाद फिर से सभी को एक्टिव किया जाएगा. सभी जिलों में आइसोलेशन सेंटर बढ़ाये जाने को लेकर सिविल सर्जन को भी निर्देश दिए गए हैं. माना जा रहा है कि कल फिर से केंद्र और राज्य सरकार बड़ा फैसला ले सकती है और नए गाइडलाइन्स भी जारी की जा सकती हैं, क्योंकि पिछले साल की स्थिति की गंभीरता से हर कोई अवगत है.
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