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BPSC में जहानाबाद और अरवल भी नहीं है पीछे, पढ़िए अमर्त्य, दिव्या और सुनील के सफलता का राज

66th BPSC Result 2022: अरवल के अमर्त्य कुमार आदर्श ने 10वां, जहानाबाद के सुनील ने 27वां और दिव्या ने 71वां स्थान हासिल किया है। इन सब पर जिले को नाज है।

66वीं बीपीएससी परीक्षा के रिजल्ट में जहानाबाद और अरवल जिले के बेटे-बेटियों ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। अरवल के अमर्त्य कुमार आदर्श ने 10वां, जहानाबाद के सुनील ने 27वां और दिव्या ने 71वां स्थान हासिल किया है।

इन सब पर जिले को नाज है। अमर्त्य अरवल के कुर्था बाजार के जबकि सुनील और दिव्या जहानाबाद जिले के गंगापुर और मेटरा गांव के रहनेवाले हैं। जानिए क्या है इनकी सफलता का राज।

अमर्त्य का सपना यूपीएससी क्लियर करना

कुर्था बाजार के एक साधारण परिवार में पले बढ़े अमर्त्य के पिता उमेश ठाकुर एक प्राइवेट स्कूल चलाते थे। माता सीता देवी गृहिणी हैं। अमर्त्य ने मैट्रिक की परीक्षा में भी जिले के टॉप टेन में जगह बनाई थी।

अमर्त्य ने शुरुआती दौर में एअर फोर्स में साढ़े नौ साल तक नौकरी कर अपने परिवार की माली हालत को ठीक किया, लेकिन वह वहीं नहीं रुके।

Amartya Kumar Adarsh of Arwal secured 10th rank in BPSC
BPSC में अरवल के अमर्त्य कुमार आदर्श ने 10वां स्थान हासिल किया

अपनी पढ़ाई जारी रखी। सेना की नौकरी छोड़कर वर्ष 2016 में उनका चयन बैंक के पीओ पद के लिये हो गया। यह नौकरी भी रास नहीं आई और दिल्ली जा कर सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए।

बीपीएससी के 63वीं में भी उनका चयन हो गया था जिसमे उन्हें वाणिज्य कर विभाग मिला। वर्तमान में अमर्त्य कुमार आदर्श उप वाणिज्य कर आयुक्त के पद पर पटना में तैनात हैं। अमर्त्य का लक्ष्य यूपीएससी क्रैक करना है।

गांव से ही तैयारी कर सुनील ने पाई सफलता

27वां स्थान लाकर सुनील सक्सेना ने परिवार के साथ-साथ जिले का नाम रोशन किया है। कड़ौना ओपी क्षेत्र के गंगाचक गांव निवासी राजदेव चंद्रवंशी के छोटे बेटे हैं सुनील सक्सेना।

उनके पिता बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मी हैं। उनके घर मे पिता, बड़े भाई, भाभी एवं बूढ़ी दादी है। सुनील सक्सेना की मां मुंबई में रहती हैं। उनका इलाज चल रहा है।

Sunil of Jehanabad secured 27th position in BPSC
BPSC में जहानाबाद के सुनील ने 27वां स्थान हासिल किया

सुनील बताते हैं कि वह बीपीएससी के साथ-साथ यूपीएससी का भी एक बार परीक्षा दी थी लेकिन कुछ ही अंक से वह पिछड़ गए थे। इस तरह उन्होंने तीन बार पहले भी कोशिश की लेकिन सफलता हाथ आते-आते रह गई।

चौथे प्रयास में जब सफलता हाथ लगी तो खुशी से फूले नहीं समा रहे। सुनील बताते हैं कि वह दिल्ली में रहकर तैयारी कर रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में उन्हें दिल्ली छोड़कर गांव आना पड़ा। दो साल से गांव में ही तैयारी कर रहे थे। सुनील अपनी सफलता के पीछे पिता और परिजनों का योगदान बता रहे हैं।

पहले प्रयास में ही दिव्या ने मार ली बाजी

जहानाबाद जिले की मेटरा गांव की बिटिया दिव्या कुमारी ने 71वीं रैंक लाकर कमाल किया है। वह डीएसपी बनेंगी। जैसे ही प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम आया और रैंक देखा तो परिवार से लेकर पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।

Divya Kumari did wonders by securing 71st rank in BPSC in the first attempt itself.
पहले प्रयास में ही दिव्या कुमारी ने BPSC में 71वीं रैंक लाकर कमाल किया

इनके पिता त्रिपुरारी शरण शर्मा बीसीओ के पद पर करपी में पदस्थापित हैं और शहर के जगदीशपुर मोहल्ले में अपने मकान में रहते हैं।

दिव्या चार बहन और उनका एक भाई है, जिसमें दिव्या सबसे छोटी है। दिव्या ने प्रथम प्रयास में ही उसने यह मुकाम हासिल कर लिया है।