बिहार सरकार हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेज़ी से कर रही है। इस नए बदलाव का मकसद बिजली की खपत को अधिक पारदर्शी और सुविधा जनक बनाना है। हालांकि, कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। लेकिन सरकार का कहना है कि यह तकनीक बिजली बिल में गड़बड़ी को खत्म करेगी और उपभोक्ताओं को घर बैठे रिचार्ज करने जैसी सुविधाएं देगी।
स्मार्ट मीटर पर क्यों मचा है सियासी हंगामा?
बिहार में हर घर को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जोड़ने की योजना चल रही है। पुरानी तकनीक को बदलते हुए इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को बिना बाधा बिजली मुहैया कराने का वादा किया गया है। हालांकि, कुछ इलाकों में इसके विरोध की खबरें हैं।सरकार का मानना है कि स्मार्ट मीटर से बिजली की सेवाएं पहले से अधिक प्रभावी होंगी। यह कदम उपभोक्ताओं और बिजली वितरण प्रणाली, दोनों के लिए लाभकारी है।
स्मार्ट मीटर के 5 जबरदस्त फायदे
स्मार्ट मीटर की खूबियों को समझने के बाद आप इसे अपनाने के लिए खुद प्रेरित होंगे। आइए जानते हैं इसके प्रमुख फायदे:
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- बिलिंग में पारदर्शिता:
स्मार्ट मीटर खुद से रीडिंग और बिलिंग करेगा, जिससे किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी। - रोज़ाना खर्च का ट्रैक:
यह मीटर आपको हर दिन बिजली के उपयोग और खर्च की जानकारी देगा, जिससे आप अपनी खपत को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें। - ऑनलाइन रिचार्ज की सुविधा:
अब बिजली दफ्तर जाने की ज़रूरत नहीं। स्मार्ट मीटर को मोबाइल की तरह घर बैठे ही रिचार्ज किया जा सकता है। - ब्याज का लाभ:
अगर आप मीटर में ₹2000 या उससे अधिक जमा करते हैं, तो आपको बैंक के मुकाबले अधिक ब्याज मिलेगा।- 3 महीने: बैंक के बराबर ब्याज।
- 3-6 महीने: बैंक से 0.25% ज्यादा।
- 6 महीने से अधिक: बैंक से 0.5% ज्यादा ब्याज।
- लेट फीस का झंझट खत्म:
प्रीपेड सिस्टम में लेट फीस का सवाल ही नहीं उठता। आप समय पर रिचार्ज करेंगे और लेट पेमेंट से बचेंगे।
विरोध के बावजूद सरकार क्यों है आश्वस्त?
कुछ उपभोक्ता स्मार्ट मीटर को लेकर चिंताएं जता रहे हैं। उनका कहना है कि इसमें फॉल्स रीडिंग और तकनीकी खामियां हो सकती हैं। हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि इस तकनीक से उपभोक्ताओं को लंबी अवधि में फायदा होगा।
क्या यह तकनीकी बदलाव बिहार के बिजली सिस्टम को मजबूत बना पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।