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कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, रद्द की गई स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां

कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर बिहार का स्वास्थ्य विभाग फिर सतर्क हो गया है. वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए विभाग ने राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है. वहीं 5 अप्रैल तक की सारी छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है. जो भी स्वास्थ्यकर्मी छुट्टी पर गए हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से फौरन वापस बुलाया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. उन्होंने यह निर्देश दिया है कि सूबे में जो भी चिकित्सा अधिकारी या स्वास्थ्यकर्मी अवकास पर गये हैं वो तुरंत काम पर वापस लौट जाएं. यह आदेश दो तरह के अवकास पर लागू नहीं होगा. जो भी कर्मी मातृत्व अवकास या अध्ययन अवकास पर गये हैं उन्हें इस निर्देश के दायरे से अलग रखा गया है.

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जिन कर्मियों की छुट्टी रद्द की गई है उनमें सभी तरह के कर्मी आते हैं. निर्देश के तहत राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर निदेशक प्रमुख तक भी इसमें शामिल हैं. वहीं हेल्थ ट्रेनर, एएनएम, पारा मेडिकल जीएनएम, लैब टेक्नीशियन सहित सभी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तक के लिए यह निर्देश जारी किया गया है.

बता दें कि बिहार में कोरोना के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं. हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है लेकिन बाहरी राज्यों में बढ़ते मामले और होली में बिहार वापस लौटने वाले लोगों के कारण सतर्कता बरती जा रही है. राजधानी पटना में संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. पिछले दो दिनों में जिले में संक्रमण के मामले करीब दोगुना बढ़े हैं जबकि 183 एक्टिव मामले अभी भी हैं.

बिहार में गुरुवार को किये गए कोरोना जांच के दौरान 107 नये पॉजिटिव मामले पाये गये. करीब डेढ़ माह के बाद फिर से संक्रमण का आंकड़ा 100 के पार गया है. जिससे प्रशासन की चिंता भी बढ़ चुकी है. 2 फरवरी के बाद संक्रमितों की संख्या में कमी आने लगी थी लेकिन अचानक 44 दिनों के बाद फिर मामले बढ़ने लगे हैं.

Input: PK

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