बिहार बोर्ड का इंटरमीडिएट 2021 (Bihar Board 12th Result 2021) का रिजल्ट आज यानी 25 मार्च को जारी हो सकता है. इस साल बिहार इंटरमीडिएट की परीक्षा में करीब 13 लाख स्टूडेंट्स ने शामिल हुए थे. सूत्रों की माने तो टॉपर्स की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. आपको बता दें कि सबसे ज्यादा अंक पाने वाले छात्र और छात्राओं की कॉपियां मंगाई जाती है और उनकी दोबारा जांच की जाती है. यह वर्ष 2016 के रिजल्ट में सामने आई गड़बड़ी के बाद से यह फैसला लिया गया था. वर्ष 2016 के नतीजों में रूबी राय प्रकरण या फिर गणेश से दोनों मौकों पर बिहार की शिक्षा और परीक्षा व्यवस्था का मजाक उड़ा था. इसके बाद से टॉपर्स छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं की दोबारा जांच होती है. इतना ही नहीं कई स्तर पर जांच के बाद अंत में मेरिट लिस्ट तैयार होती है. पिछले वर्ष रिजल्ट 24 मार्च को जारी किया गया था।
क्या है 2016 का रूबी राय प्रकरण
साल 2016 में बिहार की छवि उस वक्त दागदार हुई थी जब रूबी राय नाम की छात्रा ने परीक्षा में टॉप किया था. हाजीपुर की रहने वाली रूबी कुमारी ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया था लेकिन जब उससे पूछताछ की गई तो उसे अपने सब्जेक्ट के नाम तक ठीक से याद नहीं थे. मामला सामने आने पर जहां बोर्ड ने हर संभव सफाई देने की कोशिश की लेकिन टॉपर रूबी से रिव्यू टेस्ट में कई सवाल पूछे गए तो ये साबित हुआ कि उसने खुद अपनी कॉपी नहीं लिखी थी.
तब रूबी राय के एक जवाब के बाद ही सोशल मीडिया में ‘प्रोडिकल साइंस’ और ‘प्रोडिकल साइंस गर्ल’ शब्द ट्रेंड करने लगा था. पॉलिटिकल साइंस में 100 में 91 नंबर लाने वाली रूबी से जब पॉलिटिकल साइंस क्या है, पूछा गया था तो वो न केवल उसका जवाब नहीं दे पाई बल्कि इस विषय का उच्चारण भी सही से नहीं कर सकी.
पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साइंस’ बोलने के कारण बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए. मामले की जांच के बाद कई सफेदपोश और बोर्ड के अधिकारियों पर गाज गिरी थी और बिहार इंटर टॉपर्स घोटाला सामने आया था. तब एफएसएल की रिपोर्ट में चौंकान वाले खुलासे हुए थे. जांच के मुताबिक, आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने अपनी कॉपी खुद से नहीं लिखी थी और न ही उसे भरोसा था कि वो टॉप करेगी. मामले की जांच तब एसआईटी को दी गई थी और बच्चा राय, लालकेश्वर प्रसाद जैसे किंगपिन के नाम सामने आये थे.
Input: News18
Leave a Comment