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2 अप्रैल से शुरू हो रहा चैती दुर्गा पूजा, 1563 साल बाद नवरात्रा में बन रहा दुर्लभ संयोग

1563 साल बाद दुर्लभ संयोग में नवरात्र; सुख और संपत्ति बढ़ाने वाले तीन राजयोग एक साथ, मंगल उच्च राशि में रहेगा; भूमि खरीदने के लिए शुभ : हिंदू पंचांग का नव संवत्सर 2079 शनिवार, 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसका नाम नल है और राजा शनि देव रहेंगे। शनिवार से ही चैत्र नवरात्र भी शुरू हो जाएंगे। यह रविवार, 10 अप्रैल तक रहेंगे। इस बार रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में नव वर्ष की शुरुआत शुभ संकेत है। पर्व भी पूरे 9 दिनों का रहेगा। इस तरह यह अखंड नवरात्र सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के मुताबिक, नव वर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु उच्च राशि में रहेंगे। वहीं, शनि खुद की ही राशि मकर में होगा। नव वर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है।

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इस योग से यह साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए शुभ रहेगा। वहीं, अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा। ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 22 मार्च 459 को यह स्थिति बनी थी। आर्थिक मजबूती और व्यापार बढ़ाने वाला साल: इस बार नव वर्ष की शुरुआत सरल, सत्कीर्ति और वेशि राजयोगों में हो रही है, जिससे नवरात्र में खरीदारी, निवेश व नए कामों की शुरुआत शुभ रहेगी।

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देव गुरु बृहस्पति सकारात्मकता बढ़ाएंगे: काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी बताते हैं कि इस संवत्सर में ग्रहों की खगोलीय मंत्री परिषद के 10 विभागों में राजा और मंत्री सहित 5 विभाग पाप ग्रहों के पास तथा 5 शुभ ग्रहों के पास रहेंगे। इस वर्ष राजा-शनि, मंत्री-गुरु, सस्येश-सूर्य, दुर्गेश-बुध, धनेश-शनि, रसेश-मंगल, धान्येश-शुक्र, नीरसेश-शनि, फलेश-बुध, मेघेश-बुध होंगे।

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नव वर्ष शुरू होते ही 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन: नव वर्ष के शुरू होते ही सभी ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। 7 अप्रैल को मंगल मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। अगले दिन बुध मेष राशि में आ जाएगा। 11 को राहु-केतु, मेष-तुला में आ जाएंगे। 13 को गुरु कुंभ राशि में और 14 को सूर्य उच्च राशि मेष में आएगा।

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रेवती नक्षत्र और बुध से बड़े लेन-देन व निवेश के लिए पूरा साल शुभ : पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक यह नव वर्ष रेवती नक्षत्र में शुरू होगा। इसके स्वामी बुध हैं। बुध के कारण कारोबार में फायदा होता है। इसलिए इस नक्षत्र में खरीदी-बिक्री शुभ मानी जाती है। पूरे नवरात्र में मंगल अपने ही नक्षत्र में रहेगा। साथ ही 5 दिन उच्च राशि में रहेगा। इससे प्रॉपर्टी के कारोबार में तेजी आने के योग हैं। बृहस्पति के कारण खरीदारी से सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

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