राज्य के 7 प्रस्तावित औद्योगिक पार्क विकसित बिहार की राह और भी आसान करेंगे। इनमें बेगूसराय में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर, बेतिया के कुमारबाग में ट्वॉय क्लस्टर, मुजफ्फऱपुर के मोतीपुर में मेगा फू़ड पार्क,फार्मा एंड सर्जिकल पार्क, वैशाली के गोरौल में प्लास्टिक पार्क एवं बेतिया के कुमारबाग में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना होनी है। इन पर कुल 150 करोड़ की लागत आएगी। अगले वर्ष इसमें रफ्तार आएगी।
राज्य सरकार ने 2022-23 में उद्योग विभाग के लिए 1643 करोड़ 74 लाख का प्रावधान किया है। उद्योग से रोजगार संवर्द्धन की प्रक्रिया में सरकार की तरफ से प्रशिक्षण केंद्रों की शृंखला प्रस्तावित है। कोरोना काल में बिहार लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी स्किल मैपिंग के माध्यम से समूह बनाकर रोजगार प्राप्त करने में सहायता दी गई है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत नए उद्यमियों का चुनाव कर उन्हें मदद दी गई है।
इथेनॉल उत्पादन में 30 हजार 382 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। हालांकि इससे भारी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। बिहटा में इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल टेक्नोलॉजी की स्थापना में राज्य सरकार सहयोग करेगी। यहां से बीटेक और एमटेक कोर्स के लिए सरकार सहायता करेगी। यह संस्थान राजधानी पटना के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल टेक्नोलॉजी की शाखा होगी। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 10 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही आधारभूत संरचना के विकास के क्षेत्र में भी बजट का अच्छा-खासा आवंटन सरकार की दूरदर्शिता को इंगित करता है। इससे एक तरफ जहां सरकार को लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ व्यय का फायदा उद्योगों को भी मिलेगा। आधारभूत संरचना वाले व्यय में स्थानीय उद्योगों को भी भागीदारी मिले।
इथेनॉल की 151 फैक्ट्रियां स्थापित करने से राज्य का आर्थिक विकास होगा साथ ही रोजगार का भी सृजन होगा। प्रत्येक जिले में मेगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर और हर प्रमंडल में टूल रूम की स्थापना का निर्णय स्वागत योग्य है। औद्योगिक विकास निधि का गठन करने, लैंड बैंक बनाने जैसे मांग पर भी विचार होना चाहिए था।
मुजफ्फरपुर एवं कई शहरों में खादी मॉल बनया जाएगा। रेशम उद्योग के विकास से लोगों को अधिक रोजगार मिलेगा। ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के बगल में प्रदेश में डोभी में इंटीग्रेटेड पार्क की स्थापना पर काम हो रहा है। इस बार के बजट में बिहार सरकार औद्योगिकीकरण पर जोर दे रही है। राज्य में इथेनॉल का कोटा 18.5 करोड़ लीटर से बढ़कर 36 करोड़ लीटर हो गया है। इथेनॉल उत्पादन के लिए 151 इकाईयों की मंजूरी मिल गई है।
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