कोरोना की तीसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इनमें डॉक्टरों की संख्या सबसे अधिक है. बीते 14 दिनों में पटना में लगभग 476 से अधिक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. इनमें सबसे अधिक एनएमसीएच, पीएमसीएच, पटना एम्स और आइजीआइएमएस अस्पताल के डॉक्टर शामिल हैं. इसके अलावा प्राइवेट, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुमंडलीय अस्पतालों के भी डॉक्टर पॉजिटिव हुए हैं.
खास बात तो यह है कि अब तक के पॉजिटिव डॉक्टरों में 98 प्रतिशत से अधिक डॉक्टर होम आइसोलेट में अपना इलाज कर ठीक हो रहे हैं. वहीं संक्रमित डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप पॉजिटिव आ गये और आपको होम आइसोलेट किया जा रहा है तो डरे नहीं, क्योंकि यह वो लोग है जो कोरोना से जंग जीतकर आज अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.
आयुर्वेदिक काढ़ा पीकर जीत ली जंग
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ मधुरेंदू पांडे ने बताया कि पॉजिटिव होने पर घर पर रहकर आयुर्वेदिक काढ़ा पिया. गिलोय व तुलसी की बनी दवाइयां ली, सुबह-शाम गर्म पानी पिया. मरीज को गरम खाना गरम पानी पीना, अदरक, तुलसी हल्दी काढ़ा का सेवन रोजाना करना चाहिए़.
जिसके बाद कोरोना से आसानी से जीता जा सकता है. उन्होंने बताया कि कोरोना से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. गाइड लाइन के साथ डॉक्टर की सलाह मानिए़ मास्क लगाकर रखिए़. आयुर्वेद में इस पद्धति का इलाज पूरी तरह से संभव है.
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पांच दिन में हो सकते हैं पूरी तरह से ठीक
आइजीआइएमएस के यूरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ निखिल कुमार चौधरी कोविड पॉजिटिव आ गये थे. सकारात्मक सोच व पॉजिटिविटी से उन्होंने कोरोना की जंग जीत ली है. डॉ़ निखिल ने बताया कि आइजीआइएमएस में कई ऐसे उनके परिचित डॉक्टर हैं, जो कोविड पॉजिटिव हैं.
उन्होंने बताया कि दो लहर गुजर जाने के बाद लोगों में कोविड के प्रति जागरूकता बढी है. अगर कोविड नियमों का पालन व रोजाना दवाएं आदि का सेवन करें तो इस बार महज चार से पांच दिन में कोरोना को मात दे सकते हैं. कोविड से ठीक होने के बाद डॉक्टर रोहित अब मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिये हैं.