भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है, सालों भर भारत के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरह के त्योहार मनाए जाते है। इसी कड़ी में भाई बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित रक्षाबंधन का त्योहार इसी महीने मनाया जायेगा, इस पावन त्योहार पर बहनें अपने भाइयों के हाथ पर राखी बांधती हैं और रक्षा का वचन मांगती हैं।
लोगों के बीच कंफ्यूजन
हालाँकि इस बार रक्षाबंधन को लेकर एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, लोगों को पता ही नहीं चल रहा है कि आखिर रक्षाबंधन किस दिन पड़ रहा है। ऐसे में आप की उलझन को दूर करने के लिए हम जो जानकारी देने वाले हैं उससे आप को साफ मालूम पड़ जाएगा कि आखिर रक्षाबंधन किस दिन है 11 या 12 अगस्त को।
क्या कहता है पंचांग
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त , गुरुवार के दिन पूर्वाह्न 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर उसके अगले दिन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि कोई भी त्योहार उदयातिथि के हिसाब से मनाया जाता है इसलिए इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन पर राखी बांधने के कई अबूझ मुहूर्त रहेंगे. इस दिन सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा. फिर दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. इस दौरान आप कोई भी शुभ मुहूर्त देखकर भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
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जानिए क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन
रक्षाबंधन को मनाए जाने को लेकर कई कथा प्रचलित है, इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित इंद्रदेव से जुड़ी कथा है। पुराण के अनुसार असुरों के राजा बाली के आक्रमण की वजह से देवताओं के राजा इंद्र को काफी नुकसान पहुंचा था, इस नुकसान को देखकर इंद्रदेव की पत्नी सची व्यथित हो गईं और उनसे रहा नहीं गया।
वो दुखी मन से भगवान विष्णु के पास गईं ताकि इस समस्या का समाधान मिल सके, भगवान विष्णु ने समस्याओं को सुनकर एक धागा सची को दिया और कहा कि वो इस धागे को अपने पति की कलाई पर बांध दें। सची ने ठीक वैसा ही किया जैसा भगवान विष्णु ने कहा था, इसके बाद राजा बलि की पराजय हुई, इसी के बाद से रक्षाबंधन मनाया जाने लगा।