बिहार में कोरोना का कहर तेज हुआ तो सरकार ने सूबे में पाबंदिया बढ़ा दी है. एक बार फिर से प्रदेश में नाइट कर्फ्यू के साथ कई अन्य तरह की सख्ती लागू कर दी गयी है. शादी-विवाह समारोह भी अब सीमित मेहमानों के साथ ही करना होगा. नये नियमों को लागू किये जाने का एलान हुआ तो उन लोगों के चेहरे पर मायूसी छा गयी जिन्होंने आयोजन को लेकर सारी तैयारी पहले से कर ली थी.
पिछले साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर धीमी हुई तो लोगों ने लंबे समय से लंबित शुभ आयोजनों की तैयारी शुरू कर दी थी. दिसंबर 2021 में खरमास के कारण आयोजनों को टाला गया. लेकिन जनवरी में खरमास के खत्म होते ही आयोजनों का शुभारंभ होना था. विवाह के लिए भी लग्न की तारीखें सामने है. ऐसे में पिछले साल ही बुकिंग तेज हो गयी थी. लगभग सभी समारोह स्थलों की बुकिंग काफी पहले ही हो गयी थी. लेकिन एक फैसले ने सबको मुश्किल में डाल दिया है.
विवाह के लिए समारोह स्थलों की बुकिंग लोग करा चुके थे. एडवांस के रुप में मोटी रकम दी जा चुकी थी. इस बीच सरकार ने यह गाइडलाइन जारी कर दी कि विवाह समारोह में अधिकतम 50 व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे. अब लोगों के सामने समस्या ये आ गयी है कि वो भला 50 लोगों के लिए बड़ी रकम क्यों खर्च करे. लोग अपने घरों से ही शादी संपन्न करने की अब सोचने लगे हैं. पिछले साल भी लोगों को सादगी के साथ आयोजन करना पड़ा था.
सरकार की नयी गाइडलाइन का असर कई तरह के व्यवसाय से जुड़े लोगों पर भी पड़ा है. मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल, बैंड-बाजा, डीजे, हलवाई, वेटर, सजावटकर्ता, घोड़ी वाले, कैटरिंग समेत कइ अन्य व्यवसाय के लोगों के चेहरे पर फिर एकबार मायूसी है. लोगों ने अप्रैल और मई तक की बुकिंग पहले से कर दी थी. लेकिन अब अपने एडवांस को वापस मांगने वालों का फोन आने लगा है.
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