राजधानी पटना के गायघाट महिला रिमांड होम की सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता के ऊपर अब एक नया और गंभीर आरोप लगा है। 6 दिन पहले महिला रिमांड होम से बाहर निकली एक युवती बुधवार को सामने आई है। उसने आरोप लगाया है कि 15 दिन पहले रिमांड होम के अंदर वंदना गुप्ता ने उससे जबरन एक पेपर पर साइन करवा लिया था। आरोप लगाने वाली लड़की का कहना है कि वो पढ़ी-लिखी नहीं है। उसे सिर्फ अपना नाम लिखने आता है। जिस पेपर पर उससे साइन लिए गए, उस पर कुछ बातें लिखी हुई थीं, मगर उसे वो पढ़ नहीं सकती थी।
युवती का कहना है कि जब उसने जानना चाहा कि उससे किस बात को लेकर कागज पर साइन कराया जा रहा है तो वंदना गुप्ता ने कहा, ‘बस तुम साइन करो। गायघाट रिमांड होम मामले में महिला थाना में 2 FIR दर्ज है।’ दोनों केस की जांच पटना पुलिस की तरफ से बनाई गई SIT कर रही है। युवती और उसके परिवार को डर है कि जिस कागज पर उससे साइन लिए गए हैं, वंदना गुप्ता कहीं उसका गलत इस्तेमाल न कर दे।
3 साल रहने के बाद बाहर आई है युवती
युवती बताती है, ‘रिमांड होम के अंदर उसके साथ मारपीट हुई थी। वह कागज पर साइन नहीं करना चाहती थी, लेकिन उससे जबरदस्ती साइन कराया गया। जबरन साइन करवाया। उस कागज पर कुछ लिखा हुआ था। हम पढ़े लिखे नहीं है। कागज पर क्या लिखा हुआ था, पढ़कर किसी ने सुनाया भी नहीं। बस साइन कराया। उस वक्त वंदना गुप्ता अकेले थी। जब मैंने पूछा कि साइन क्यों करा रही हैं? तो बोली कि बस तुम साइन करो न। यह बात 15 फरवरी की है। 24 फरवरी को उसे गायघाट महिला रिमांड होम से छोड़ा गया है।’
युवती का कहना है कि वंदना गुप्ता ने ऐसा इसलिए किया कि कुछ दिनों पहले उसके पति ने मीडिया में महिला रिमांड होम और वंदना गुप्ता से जुड़ी बातों को रखा था। रिमांड होम में रहने के दरम्यान उसकी तबीयत खराब हो गई थी। इलाज सही तरीके से नहीं कराया जा रहा था। इसी वजह से पति ने मीडिया के सामने काफी सारी बातों को रखा था। लव मैरिज किए थे। इस कारण तीन साल गाय घाट महिला रिमांड होम में रहना पड़ा। जब रिमांड होम के अंदर किसी के बीच झगड़ा होता था तो उसे देखने जाते थे तो वहां पर पीटा जाता था। वहां से जबरन भगाया जाता था।
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पेपर का हो सकता है गलत इस्तेमाल
महिला थाना में दर्ज दोनों केस में हाई कोर्ट में पीड़िताओं का पक्ष रख रहीं वकील मीनू कुमारी का कहना है कि ये पीड़िता रिसेंटली निकली है। महिला वकील का दावा है कि वंदना गुप्ता इस लड़की का भी इस्तेमाल कर सकती थी। मगर, समय रहते इनका मामला उजागर हो गया। इनके पति पहले ही मीडिया के सामने आवाज उठा चुके थे। जिस कारण वो रुक गई। 24 फरवरी को लड़की को रिलीज किया गया। 15 फरवरी को रिमांड होम के अंदर लड़की से जबरन साइन कराया गया है।
महिला वकील का आरोप है कि वंदना गुप्ता ने साइन कराने से पहले उसके साथ मारपीट की थी। आशंका है कि लड़की से जबरन साइन कराने के बाद उस पेपर का वंदना गुप्ता गलत इस्तेमाल कर सकती है। उस पर अपने मन मुताबिक बातों को लिख कर हाईकोर्ट में पेश किया जा सकता है। इन बातों को हम लोग हाईकोर्ट के सामने रखेंगे।