“हमने मस्जिद बचाने के लिए नहीं, अपने लोगो की सुरक्षा के लिए मानव श्रृंखला बनायीं थी. हिन्दू कभी भी पहला वार नहीं करता.”- बजरंग दल और विहिप : बिहार: कटिहार में मस्जिद के सामने मानव शृंखला की वायरल तस्वीर का सच क्या है? बिहार के कटिहार ज़िले में रामनवमी के मौक़े की एक तस्वीर और वीडियो वायरल हो रहा है. तस्वीर और वीडियो में कटिहार के फकीरतकिया चौक पर एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद के सामने युवा मानव शृंखला बनाए दिख रहे है.
बीबीसी ने इस तस्वीर के संबंध में ये जानने की कोशिश की कि पूरा मामला क्या है? जहां की ये तस्वीर है वहां क्या हुआ था और सोशल मीडिया पर जो बातें हो रही हैं, उसमें कितनी सच्चाई है?
विश्व हिंदू परिषद के ज़िला मंत्री रितेश दूबे बताते हैं, “मस्जिद को बचाने के लिए हमने ह्यूमन चेन (मानव शृंखला) नहीं बनाई थी. हमारी शोभायात्रा में शामिल लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो इसलिए हम लोग ह्यूमन चेन बनाकर शोभायात्रा निकाल रहे थे.”सात किलोमीटर लंबा ये जुलूस दोपहर डेढ़ बजे के क़रीब शुरू होकर शाम 7 बजे ख़त्म हो गया था. जो तस्वीरें और वीडियो बीबीसी के पास उपलब्ध हैं, उसमें इस शोभायात्रा या जुलूस में बड़ी तादाद में लोग शामिल दिख रहे है जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
तो क्या इसमें मस्जिद की सुरक्षा जैसा कोई उद्देश्य नहीं था, ये सवाल पूछने पर पवन पोद्दार कहते हैं, ” शोभायात्रा से मस्जिद को क्या ख़तरा हो सकता है? कोई हिन्दू पहला वार नहीं करता. पहले भी एक बार जब शोभायात्रा मस्जिदों के इलाक़े से गुजरी तो लाठी डंडे दिखाकर भड़काया गया था. इसलिए हम लोग अब खड़े हो जाते हैं ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना हो. हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है और अगर कुछ ऐसा हो जाता है तो फिर सब कहेंगे कि रामनवमी वालों ने हमला किया.”
कटिहार शहर में निकलने वाले रामनवमी जुलूस के लिए बनी शांति कमिटी के एक सदस्य मंज़ूर ख़ान भी है. मंजू़र ख़ान ने बीबीसी से कहा, “लड़का लोगों या भीड़ को आगे ले जाने के लिए ऐसा किया गया था. मैं खुद वहां कुछ देर मौजूद था.”
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कटिहार के एसडीएम शंकर शरण ओमी वायरल तस्वीर में हल्की आसमानी टी-शर्ट पहने दिख रहे हैं. जहां एक तरफ आयोजक मानव शृंखला और मस्जिद की सुरक्षा के किसी संबंध को नकार रहे है. वहीं, कटिहार के एसडीएम के मुताबिक़ जुलूस के आयोजकों ने सुरक्षा घेरा इसलिए बनाया ताकि मुस्लिम धर्म मानने वालों को किसी तरह की दिक़्क़त नहीं हो.
उन्होंने बीबीसी को बताया, “आयोजकों ने सुरक्षा बरतते हुए ये क़दम उठाया था. नमाज का समय था और उस वक़्त मुस्लिम धर्म को मानने वाले शुद्धता बरतते हैं. रामनवमी के जुलूस के वक़्त लोग अबीर गुलाल उड़ाते हैं, तो इस तरह की हरकत उस इलाक़े में न हो इसलिए ये लोग ह्यूमन चेन बनाकर खड़े हुए थे.”