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मधुबनी न’रसं’हार वाला प्रवीण झा की पत्नी हार गई पंचायत चुनाव, एक परिवार के 5 लोगों की हुई ​थी मौ’त

PATNA : मधुबनी नरसंहार का आरोपी प्रवीण झा की पत्नी हार गई पंचायत चुनाव, एक ही परिवार के पाँच लोगों की हुई ​थी मौत : बिहार के मधुबनी जिले के बनेपट्टी वाला नरसंहार याद है आपको। भूल गए हैं तो हम आपको याद दिलाते है। होली के दिन एक ही परिवार के पांच लोगों को मार दिया गया था। इस मामले में प्रवीण झा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। ताजा अपडेट के अनुसार प्रवीण झा की पत्नी प्रिया कुमारी पंचायत चुनाव में बुरी तरह से हार गई है।

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एमएसयू के आदित्य झा कहते हैं कि सबसे पहले स्पष्ट करना चाहता हूं की कल हमारे पास गलत खबर आई थी जिसकी पुष्टि नहीं हो पाई और इसलिए प्रिया कुमारी की जीत संबंधित पोस्ट डाला गया। बाद में खबर गलत होने की बात पता चलने पर हमने पोस्ट तुरंत हटा लिया था।

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लेकिन हम अपनी बात पर कायम हैं की बेनीपट्टी के महमदपुर हत्याकांड में जातिगत और राजनीतिक दवाब की वजह से दर्जनों निर्दोष लोगों को फंसाया गया है। हत्या किसने किया है ये साबित नहीं हुआ है और हम हत्याकांड का समर्थन नहीं करते, दोषी को सजा मिलनी ही चाहिए। लेकिन ये भी सत्य ही है की इस मामले में 40 के करीब निर्दोष गांववासियों को अबतक षड्यंत्रकारी बताकर जेल में रक्खा गया है। आरोपी जेल में है, मामले की जांच चल रही है लेकिन आरोपी प्रवीण झा के बूढ़े फौजी पिता एवं माता को किस आधार पर जेल में रक्खा गया है ?

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महमदपुर हत्याकांड एक वर्चस्व की लड़ाई थी जिसमें दोनों तरफ एक ही जाति के लोग थे लेकिन जातिगत और राजनीतिक नेताओं ने मिलकर इसे एक जातिगत मामला बना दिया। राजस्थान तक से लोग आए, इसे राजपूत बनाम ब्राह्मण मामले के तरह पेश किया गया और समाज में वैमनस्यता फैलाने की कोशिश हुई। जबकि गिरफ्तार करीब 40 लोगों में भी राजपूत, ब्राह्मण समेत सभी जातियों के लोग हैं। संयोग से मैं उन दिनों सोशल मीडिया से दूर था इसलिए उस वक्त इस मामले में कुछ नहीं कर सका लेकिन कल एक फैक्चुअल गलती की वजह से मुझे जिस तरह संगठित रूप से सोशल मीडिया पर गाली दी गई है, स्क्रीनशॉट घुमाकर हमें जातिवादी घोषित करने की कोशिश हुई है उससे मुझे स्पष्ट हो गया है की जातिगत और राजनीतिक लोग इसे जातिगत मामला ही बना कर रखना चाहते हैं और महमदपुर हत्याकांड मामले से अपना राजनीतिक हित साधना चाह रहे हैं।

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तो अब तक जो हो गया सो हो गया, अब आगे ऐसा नहीं होगा। अब इसे जातिगत मामला नहीं बने रहने दिया जाएगा। अब सब सच सामने आएगा। अब तक हमने इस मामले पर कभी कोई स्टैंड नहीं लिया था लेकिन आज से हमारा स्टैंड क्लियर है। हत्याकांड का कोई समर्थन नहीं, दोषी को जरूर सजा मिले लेकिन राजनीतिक और जातिगत साजिश के तहत जेल में बंद किए गए निर्दोष 40 लोगों की रिहाई हो, आरोपी प्रवीण झा के निर्दोष बूढ़े फौजी पिता और माता की रिहाई हो। मामले की स्पष्ट जांच हो और न्याय मिले। ये सिर्फ हमारा स्टैंड नहीं रहने वाला है, इसके लिए हम लड़ने जा रहे हैं। कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक सभी फ्रंट पर लड़ने जा रहे हैं। अबतक चुप थे, अब संघर्ष होगा, अब न्याय होगा।

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