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भारत के पहले Wheelchair Food Delivery Boy गणेश मुरुगन, जिन्होंने मजबूरी से नहीं मज़बूती से जीना सीख लिया

देखूंगा नहीं मेरे आगे चाहे कठिनाई की लहर या फिर आग का दरिया होगा, तैर कर पार कर लूंगा क्योंकि ये हौसला मेरा जरिया होगा.

ये लाइन इस इंसान पर बिलकुल फिट बैठती है. उसने उन लोगों को गलत साबित कर दिया जो कहते हैं कि दिव्यांग जिंदगी में कुछ कर नहीं सकते. देश के पहले व्हीलचेयर फ़ूड डिलीवरी बॉय हैं गणेश मुरुगन. वो अपने बुलंद हौसले और आत्मविश्वास से कई लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं. गणेश व्हीलचेयर पर फ़ूड डिलीवरी करते हैं.

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गणेश मुरुगन चेन्नई के रहने वाले हैं. उनकी कहानी को आईपीएस ऑफिसर दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है.

 

उन्होंने गणेश की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “मिलिए भारत के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी बॉय गणेश मुरुगन से. वे अपनी व्हीलचेयर पर फ़ूड डिलीवरी करते है. चेन्नई के दिव्यांग गणेश मुरुगन ने परिस्थितियों से समझौता किए बगैर रास्ता निकाला और आत्मनिर्भरता की राह थामी. वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो मुसीबतों से लड़ने की जगह झुक जाते हैं.”

 

दीपांशु काबरा ने बताया कि गणेश की इस खास व्हीलचेयर को IIT मद्रास में एक स्टार्ट-अप द्वारा डिजाइन किया गया है. टू-इन-वन मोटर चालित व्हीलचेयर को एक बटन दबाने पर अलग किया जा सकता है और पिछला हिस्सा एक साधारण व्हीलचेयर में भी बदल जाता है.

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उन्होंने आगे बताया कि स्टार्ट-अप ने अब तक 1300 व्हीलचेयर बनाए है. इसे चार्ज करने में 4 घंटे का समय लगता है और एक बार चार्ज करने पर यह 25 किमी का सफर तय करती है. इस पोस्ट की गई गणेश की कहानी पर लोग अपनी अलग अलग प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं.

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