Sponsored
Breaking News

बिहार राज्य चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश, कौन हो सकता है खड़ा और कौन नहीं, जानें पूरी डिटेल

Sponsored

बिहार राज्य चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि कौन-कौन पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसके अनुसार बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव में राज्य सरकार में कांट्रैक्‍ट पर कार्यरत कर्मचारी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि नामांकन करने वाले प्रत्याशियों के प्रस्तावक भी ये कर्मचारी नहीं बन सकते हैं. अगर ये प्रस्तावक बनते हैं तो प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो जाएगा और वह ग्राम कचहरी के पदों के लिए चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.

Sponsored

 

ये कर्मचारी नहीं लड़ सकते चुनाव

Sponsored

 

केंद्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत, प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर, शिक्षकेत्तर कर्मचारी बिहार पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. पंचायत के अधीन मानदेय. अनुबंध पर कार्यरत पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र या अन्य कर्मी, पंचायत के अंतर्गत मानदेय पर कार्यरत दलपति, आंगनवाड़ी सेविका विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान और विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

Sponsored

Sponsored

 

 

इसके अलावा सरकारी वकील (जीपी) लोक अभियोजक (पीपी) सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इन सभी पदों पर कार्यत कर्मचारी प्रत्याशियों के प्रस्तावक नहीं बन सकते हैं. अगर वे ऐसा करते हैं तो नामांकन पत्र रद्द कर दिया जाएगा.

Sponsored

 

ये लड़ सकते हैं चुनाव

Sponsored

 

 

राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर रखा है कि सेवानिवृत्त सरकारी सेवक, जन वितरण प्रणाली के लाइसेंस विक्रेता, कमीशन के आधार पर काम करने वाले एजेंट, अकार्यरत गृहरक्षक पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं. इसके अलावा सहायक सरकारी वकील एजीपी अपर लोक अभियोजक जो केवल शुल्क पर नियुक्त किए जाते हैं वह भी चुनाव लड़ सकते हैं.

Sponsored
Sponsored
Swaraj Shrivastava

Leave a Comment
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored