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बिहार में 1 जुलाई से प्लास्टिक पर रोक, पकड़े जाने पर वसूला जाएगा 1 लाख रुपए का जुर्माना

PATNA-सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से रोक, इस्तेमाल पर एक लाख तक जुर्माना, कंपोस्टेबल प्लॉस्टिक के बैग के खरीद-फरोख के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग जाएगी। प्रतिबंध के बाद यदि प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं तो आम व्यक्ति को पांच सौ से दो हजार और उत्पादक, आयात, भंडारण, बिक्री करने वाले पर प्लास्टिक के मात्रा के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के धारा 15 के तहत 20 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही पांच साल की जेल या दोनों हो सकता है। प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण परिषद, नगर विकास एवं आवास विभाग, पंचायती राज विभाग के साथ ही विभिन्न निकायों के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इसके लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को जिम्मेदारी दी गयी है। प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए बिहार के सभी निकायों में लगभग 410 टीम गठित की गई है।

प्लास्टिक के निस्तारण के लिए एक वर्ष का दिया गया था समय
सिंगल यूज प्लॉस्टिक के निस्तारण के लिए दुकानदारों को एक वर्ष का समय दिया गया था। इससे पहले 30 सितंबर 2021 तक सरकार ने पॉलीथिन बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ा करके 75 माइक्रोन कर दिया गया था। जो 31 दिसंबर 2022 को 75 से 120 माइक्रोन कर दिया गया। इसके साथ ही 100 माइक्रोन से नीचे के बैनर, पोस्टर पर भी रोक है। हालांकि, कंपोस्टेबल प्लास्टिक बैग की मोटाई की कोई सीमा निर्धारित नही की गई है। लेकिन, कंपोस्टेबल प्लॉस्टिक के बैग के खरीद-फरोख के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है।

कूड़े में सबसे अधिक सिंगल यूज प्लास्टिक
बिहार के 259 निकायों में निकलने वाले कूड़े में लगभग 30 प्रतिशत प्लास्टिक है। बिहार के सभी निकायों में हर महीने लगभग 15 टन प्लास्टिक और पॉलीथिन निकल रहा है। जबकि, पटना में हर दिन लगभग 150 टन प्लास्टिक की निकासी हो रही है। हालाकि, इसके निस्तारण के लिए विभिन्न निकायों में प्लांट स्थापित किया गया है। लेकिन, उसकी क्षमता हर महीने लगभग 7 से 9 टन है। ऐसे में लगभग छह टन प्लास्टिक का निस्तारण नहीं होता है।

कागज और जूट के बैग का होगा इस्तेमाल
प्लास्टिक का इस्तेमाल करना मानव जीवन के लिए खतरा है। इसके इस्तेमाल से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ने के साथ ही शहर की खूबसूरती भी खराब हो रही है। खेतों में फेंके जाने वाले प्लास्टिक के मात्रा भोजन के हमारे शरीर में भी पहुंच रही है। जिसको देखते हुए इसपर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इसकी जगह कागज, कपड़े और जूट के बैग का इस्तेमाल किया जाएगा। -तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

प्लास्टिक के कप-प्लेट, थर्मोकोल पर भी रहेगी रोक
एक जुलाई से कप-प्लेट, गिलास, चम्मच, चाकू, मिठाई के डिब्बे पर कवर वाले प्लॉस्टिक, नियंत्रण कार्ड, सिगरेट बैक, प्लॉस्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम के डंडिया, गुब्बारा, बोलल, लंच बॉक्स सहित 400 से अधिक प्लॉस्टिक की सामग्री और थर्मोकोल पर रोक लगी रहेगी। इसको देखते हुए अधिकांश बड़े स्टोर पर पहले से ही कपड़े, जूट और कागज के बैग का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ कृषि और गन्ने के वेस्ट से बने कप, प्लेट, बांस के बर्तन, मधुमक्खी के वैक्स से बने फूड रैपर, स्टील के स्ट्रॉ, मिट्टी के सामान, कार्टून के बक्स सहित अन्य चीजों के इस्तेमाल की तैयारी की जा रही है।

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