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बिहार में शिक्षिका की विदाई पर फुट-फुट कर रोई छात्राएं, अभिभावकों की भी आँखें हुई नम

छात्राएं रो-रोकर बोलती रहीं कि मैडम प्लीज मत जाइए। आप रुक जाइए। हमें आपका पढ़ाना बहुत अच्चा लगता है। छात्राओं को रोता देख मैडम भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं।

बिहार के नवादा में एक टीचर की विदाई पर छात्राएं रो पड़ीं। कोई गले से लिपटकर रोने लगा। किसी ने रास्ता रोक लिया। छात्राएं रो-रोकर बोलती रहीं कि मैडम प्लीज मत जाइए।

मामला रजौली प्रखंड के राम लाल इंटर स्कूल का है। सोशल साइंस की टीचर डॉ विनीता प्रिया ने अपनी मर्जी से किसी और स्कूल में ट्रांसफर ले लिया था। विनीता प्रिया 2011 से इस स्कूल में पढ़ा रही थीं।

विदाई पर फूट-फूटकर रोने लगी छात्राएं

बुधवार को उनका विदाई कार्यक्रम रखा गया था। जब वो निकलने लगी तो छात्राएं फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने कभी सोची भी नहीं होगी कि इस स्कूल से जाने पर उन्हें और बच्चों को भी इतना खलेगा की वो उनकी विदाई पर फूट-फूटकर रोने लगेंगी।

स्कूली बच्चों को अपने प्रिय शिक्षिका का जाना खूब खल रहा था। बच्चे कदम-कदम पर अपने शिक्षिका डॉ. विनीता प्रिया का रास्ता रोके खड़े थे। कोई उनके गले से लिपटकर रो रही थी।

During the farewell of the teacher, the girl students cried by clinging to him.
टीचर की विदाई के दौरान उनसे लिपटकर रोती छात्राएं

तो कोई उन्हें स्कूल से नहीं जाने की जिद पर रास्ता रोके खड़ी थी। बच्चों के जिद के आगे शिक्षिका भी विवश दिख रही थी। बच्चों को छोड़ कर जाना उन्हें भी खल रहा था।

बच्चों को रोता देख, वहां मौजूद अभिभावकों की भी आंखें नम हो गईं। काफी समझाने और बार-बार स्कूल आने के आश्वासन के बाद बच्चे शांत हुए और शिक्षिका डॉ. विनीता प्रिया को भारी मन से जाने दिया। स्कूल के शिक्षकों ने भी विनीता के पढ़ाने की तारीफ करते हुए कहा कि स्कूल को उनके जैसा शिक्षक मिलना मुश्किल है।

मैम के पढ़ाने का तरीका बहुत अच्छा है- छात्रा

​​​​​​​7वीं का छात्रा पूजा कुमारी ने कहा कि मैम हमें बड़े प्यार से और हंसा-हंसाकर पढ़ाती थीं। ऐसे में जो भी पढ़ाया जाता था वह हमें हर वक्त याद रहता।

Teacher Vinita said that I was teaching in this school for 11 years
शिक्षिका विनीता ने कहा कि मैं 11 साल से इस स्कूल में पढ़ा रही थी

7वीं की ही छात्रा अर्चना कुमारी ने कहा कि मैडम के पढ़ाने के साथ हम लोगों के प्रति व्यवहार भी बहुत अच्छा था। खास करके हम लड़कियों के लिए मैम बहुत महत्वपूर्ण बातों को बताती थीं और अच्छी शिक्षा भी देती थीं।

इस स्कूल में 11 सालों से पढ़ा रही थी

शिक्षिका विनीता ने कहा कि मैं 11 साल से इस स्कूल में पढ़ा रही थी। मेरे और बच्चों के बीच एक खास रिश्ता बन गया था। बच्चे हमेशा मेरी क्लास में मस्ती के साथ-साथ जमकर पढ़ाई भी करते थे।

मेरी पढ़ाई से सभी बच्चे काफी खुश रहते थे। ऐसे में मैंने भी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास किया। बच्चों द्वारा दी गई विदाई को मैं जिंदगी में कभी भी भूल नहीं पाऊंगी।

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