बिहार के जमुई के नक्सल प्रभावित खैरा प्रखंड के सिंगारपुर गांव के दो भाइयों की कहानी जिले में चर्चा का विषय बनती जा रही है। दोनों भाइयों ने परंपरागत खेती छोड़ फूलों की नर्सरी लगाई है।
इससे दोनों भाई मिलकर सालाना 5 लाख रुपए तक की कमाई कर रहे हैं। बड़े भाई राम प्रकाश गुप्ता मैट्रिक पास हैं जबकि छोटे कनिष्ठ गुप्ता ने ग्रेजुएशन किया है।

नर्सरी में उगा रहे विदेशी फूल
दोनों भाई अभी देशी के साथ कई किस्म के विदेशी फूलों को अपनी नर्सरी में उगा रहे हैं। उनकी नर्सरी के विदेशी फूलों की खुशबू बिहार के कई जिलों के अलावा झारखंड में भी फैल रही है।

नर्सरी में जर्मनी, जापान, अमेरिका, फ्रांस समेत कई देशों में पाए जाने वाले फूलों की नस्ल उपलब्ध है। इनमें जर्मनी का जिन्निया (Zinnia), जापान का कॉसमॉस (Cosmos), अमेरिका के पेटूनिया (Petunia), फ्रांस के डायनथ्स (Dianthus), फोर्डमैरी और अन्य कई प्रकार के फूल उपलब्ध हैं। यह हर मौसम में बगीचे को फूलों से हरा-भरा रखते हैं।
साल में लगभग 5 लाख का इनकम
कनिष्ठ गुप्ता की मानें तो उनके यहां एक एकड़ में फूलों के पौधों के साथ फलदार पेड़ भी हैं। इन्हें जमुई जिला के अलावे भागलपुर, बांका, लखीसराय, नवादा और झारखंड के देवघर और गिरिडीह तक भेजा जाता है।
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इससे उन्हें महीने के 35-40 हजार तक कमाई हो जाती है। यानी साल में लगभग 5 लाख का इनकम है। वहीं राम प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि कृषि विज्ञान केंद्र, खादीग्राम में फूलों की नर्सरी की ट्रेनिंग ली थी।
फूलों के बीज पहले कोलकाता से लाते थे। पर अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। ऑर्डर देने पर बीज सीधे घर तक पहुंच जाते हैं। लोग हमारी नर्सरी में फूलों को खरीदने ही नहीं, बल्कि देखने भी आते हैं।