मजदूर गिरीश यादव को आयकर विभाग से 37.5 लाख रुपये बकाया भुगतान का नोटिस मिला है। एक दिहाड़ी मजदूर को इनकम टैक्स का नोटिस मिलना बिलकुल वैसा ही अनुभव था जैसा बिना बारिश के बाढ़ आना हो।
बिहार के खगड़िया जिले के 500 रुपये दिहाड़ी कमाने वाले एक दिहाड़ी मजदूर को आयकर विभाग ने 37.5 लाख रुपये का इनकम टैक्स बकाया का नोटिस भेजा है। टैक्स 37.5 लाख रुपये चुकाने का नोटिस मिलने के बाद मजदूर परेशान है।
मजूदर ने इस मामले को लेकर निकट के थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मजदूर ने कहा कि 37.5 लाख रुपये का इनकम टैक्स का नोटिस मिलना बिलकुल वैसा ही है, जैसे बिना बारिश के बाढ़ आना हो। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, मामला खगड़िया जिले के अलौली थाना क्षेत्र के मघौना गांव का है। यहां के निवासी गिरीश यादव दिल्ली में मजदूरी का काम करते हैं।
बीते दिनों गिरीश दिल्ली से अपने गांव आए हुए थे। इसी दौरान आयकर विभाग से गिरीश के लिए इनकम टैक्स का एक नोटिस आया।
इस नोटिस में बताया गया कि राजस्थान स्थित एक कंपनी से जुड़े गिरीश को इनकम टैक्स का बकाया 37.5 लाख रुपये का भुगतान करना है।
नोटिस को देखकर गिरीश के पैरों तले की जमीन खिसक गई क्योंकि गिरीश की आमदनी तो इतनी है ही नहीं कि वो टैक्स के दायरे में आए।
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प्रथम दृष्टया यह धोखाधड़ी का मामला: पुलिस
रोजाना करीब 500 रुपये कमाने वाले गिरीश यादव नोटिस को लेकर अलौली थाने पहुंचा और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है।
इस मामले पर अलौली थाना के प्रभारी पुरेंद्र कुमार ने बताया, ‘हमने मामला दर्ज कर लिया है और गिरीश की ओर से साझा की गई जानकारी के आधार पर जांच शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया यह धोखाधड़ी का मामला लगता है।’
मजदूर को पैन नंबर के आधार पर नोटिस मिला है: थानाध्यक्ष
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को उसके नाम से जारी पैन नंबर के आधार पर नोटिस मिला है। उन्होंने कहा, ‘गिरीश का कहना है कि वह दिल्ली में मजदूरी का काम करता है जहां उसने एक बार एक दलाल के जरिए पैन कार्ड बनवाने की कोशिश की थी।
उसके बाद उससे कभी उसकी मुलाकात नहीं हुई।’ थाना अध्यक्ष ने कहा, ‘इसके अलावा नोटिस में गिरीश को राजस्थान स्थित एक कंपनी से जुड़े होने की बात कही गई है। लेकिन उनका कहना है कि वह वहां (राजस्थान) कभी गया ही नहीं।’ (एजेंसी इनपुट के साथ)