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बिहार में बनेगा विक्टोरिया मेमोरियल पंडाल, नवरात्री के लिए हो रही है तैयारी

नवरात्रि में बिहार में अलग अलग जगहों पर कई तरीके के पंडाल लगाए जाते हैं। इस बार पटना के बोरिंग रोड चौराहे पर विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के तर्ज पर माता का पंडाल बनाया जा रहा है।

पटना शहर में नवरात्र पूजनोत्सव के लिए माता की प्रतिमा व पंडाल बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बोरिंग रोड चौराहा पर हर वर्ष पटनावासियों को थीम आधारित पंडाल, मूर्तियां और लाइटिंग देखने को मिलती हैं।

इस बार बोरिंग रोड में कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल देखने को मिलेगा। इसके निर्माण के लिए कलाकारों की टीम को पश्चिम बंगाल के मधुपुर से बुलाया गया है।

जबकि पंडाल के मुख्य कलाकार की जिम्मेवारी पटना संपतचक के मंटू कुमार को दी गयी है। पंडाल तीन हजार वर्गफीट में होगा। इसकी ऊंचाई 60 फीट और चौड़ाई 50 फीट होगी। पिछले कई सालों से पंडाल को देखने के लिए 10 से 12 लाख लोग आते रहे हैं।

भैरव के पूजा वाली अकेली समिति

बोरिंग रोड चौराहा पर मां के आशीर्वादी रूप की पूजा होती है। बोरिंग रोड चौराहे के दुर्गपूजा की विशेषता है कि यहां मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, कार्तिकेय के प्रतिमा के साथ-साथ भैरवनाथ के पिंड की पूजा-अर्चना होती है।

आयोजकों का दावा है कि यह पटना की पहली पूजन समिति है जहां मां के साथ-साथ भैरव की भी पूजा होती है। इस वर्ष मां की प्रतिमा पांच भाग में तैयार होगी।

For the past 38 years, the idol of the mother is being installed by the worship committee at the Boring Road intersection.
बोरिंग रोड चौराहा पर पूजा समिति द्वारा बीते 38 सालों से माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है

लक्ष्मी, गणेश, कार्तिकेय और सरस्वती अलग-अलग फ्रेम पर रहेंगी। जबकि मां दुर्गा राक्षस का संहार करते हुए एक फ्रेम पर रहेंगी। माता के श्रृंगार और साज कोलकाता से मंगाये जा रहे हैं।

स्वेच्छा से प्रसाद बांटते हैं लोग

बोरिंग रोड चौराहे पर मां को भोग लगाने के बाद बड़े पैमाने पर प्रसाद वितरण होता है। सप्तमी तिथि को हलवा, अष्टमी को खीर और नवमी को खिचड़ी का भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरित होता है।

भोग वितरण समिति की तरफ से 40 किलो होता है। इसके अलावा समिति से जुड़े सदस्यों और मन्नत पूरी होने के बाद कई लोगों द्वारा स्वेच्छा से भोग वितरित किया जाता है।

शानदार लाइटिंग से जगमगाएगा बोरिंग रोड का पंडाल

पूजा समिति के चारों ओर लगभग एक किलोमीटर के दायरे में लाइट की शानदार व्यवस्था की जा रही है। पूजा समिति के अध्यक्ष कहते हैं कि बोरिंग रोड चौराहे से लेकर सतेन्द्र बाबू के घर तक और मांटेसरी स्कूल तक फिक्सड लाइट लगायी जाएगी।

सालों से चली आ रही परंपरा

बोरिंग रोड चौराहा पर पूजा समिति द्वारा बीते 38 सालों से माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इसकी स्थापना वर्ष 1983 में हुई थी।

1982 में नवरात्रि के दौरान चौराहा सुनसान देखकर उमेश सिंह चंद्रवंशी के साथ बॉब मेहता, अनिल वर्मा, शेखर किशोर, राकेश रंजन आदि ने चौराहा पर पूजा शुरू करने का संकल्प लिया था।

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