बिहार में गंगा नदी पर मुंगेर में रेल सह सड़क पुल श्रीकृष्ण सेतु व मणि नदी पर घोरघट पुल के आवागमन के लिए खुल जाने के साथ ही बिहार के विकास में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही इसका लोकार्पण करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के विकास का पूरा प्लान बता दिया और यह भी बताया कि आगामी तीन सालों में 2024 तक बिहार के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर करीब 5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुंगेर रेल रोड ब्रिज के एप्रोच रोड का लोकार्पण करते हुए कहा कि “जिस कार्य का शुभारंभ वर्ष 2002 में हुआ था, जिसे पूरा करते हुए काफी खुशी हो रही है। थोड़ी देर भले ही हुई, लेकिन कार्य बिल्कुल दुरुस्त हुआ। राज्य में यह तीसरा सबसे बड़ा रेल-सह-सड़क पुल है। बिहार में गंगा नदी पर 18 पुलों का निर्माण कर रहे हैं।”
अगले चार साल में 18 नए पुल
नितिन गडकरी ने कहा कि पटना में महात्मा गांधी सेतु पर काम चल रहा है। निर्माणाधीन सभी पुल तैयार होने से उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित अन्य राज्यों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। भागलपुर में विक्रमशिला के समानांतर पुल दिसंबर, 2025 तक पूरा हो जाएगा।
यह पुल भी उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा। उन्होने कहा कि बिहार में गंगा नदी पर इतने पुल बनेंगे कि चारों ओर विकास की गंगा बहने लगेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा नदी पर अगले चार साल में 18 नए पुल हो जाएंगे।
इन 11 पुलों पर निर्माण अभी जारी
आपको बता दें कि बिहार में गंगा नदी पर 11 पुलों पर निर्माण कार्य चल अभी रहा है और सात पुलों पर आवागमन जारी है। जिन पुलों पर फिलहाल आवागमन जारी है, उनमें मोकामा- राजेंद्र सेतु, विक्रमशिला सेतु, महात्मा गांधी सेतु, बक्सर में दो लेन का पुल, जेपी सेतु और आरा-छपरा पुल और मुंगेर रेल सह सड़क पुल शामिल हैं।
मोकामा से राजेंद्र सेतु पुल पर आवागमन 1959 में शुरू हुआ था। वहीं भागलपुर में विक्रमशिला पुल 2001 में पूरा था। इसका निर्माण 1990 में शुरू हुआ था।
महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1970 में शुरू हुआ था और यह 1981 में पूरा हुआ था। जेपी सेतु पुल का निर्माण 2003 में 600 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था और यह 2016 में बनकर तैयार हुआ था। इसकी लंबाई करीब 4,556 मीटर है।
मुंगेर पुल करीब 3.6 किलोमीटर लंबा रेल-सह-सड़क पुल है। वर्ष 2002 में इसका निर्माण शुरू हुआ था 2016 में रेल पुल का काम पूरा हो गया था। स्काइप रोज नहीं बनने की वजह से सड़क मार्ग से यातायात शुरू नहीं हो सका था जो गत 11 फरवरी को शुरू हो गया है।
बिहार में इन पुलों का हो रहा निर्माण
1. कच्ची दरगाह-बिदुपुर के बीच करीब 5,000 करोड़ रुपए की लागत से छह लेन का पुल बन रहा है। केबल पर टिका हुआ बिहार का यह सबसे लंबा 9.76 किमी पुल 16 जनवरी 2017 को बनना शुरू हुआ था और इसे 2024 में पूरा होने की संभावना है।
2. सुल्तानगंज से अगवानी घाट के बीच करीब 160 मीटर लंबा ऑल 1,710 करोड़ रुपए की लागत से 2 मई 2019 से बनना शुरू हुआ था। जून 2022 तक इसका निर्माण पूरा होने की संभावना है।
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3. राजेंद्र सेतु के समानांतर सिमरिया में रेल-सह-सड़क पुल का निर्माण 1,491 करोड़ रुपए की लागत से 2016 में शुरू हुआ था। इसके अगले साल तक बनने की संभावना है।
4. बख्तियारपुर-ताजपुर पुल 5.52 किलोमीटर की लंबाई में करीब 1,599 करोड़ रुपये की लागत से 30 नवंबर 2011 से बनना शुरू हुआ था। 31 जुलाई 2019 इसका लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसमें विलंब है।
5. बक्सर से भोजपुर के बीच ढाई किलोमीटर लंबा पुल का निर्माण 14 मई 2018 में शुरू हुआ था। इसके 2022 में बनने की संभावना है।
इन जिलों में भी पुल निर्माण जल्द
1. कटिहार जिले के मनिहारी से झारखंड के साहिबगंज के बीच 1,900 करोड़ रुपए की लागत से पुल बनाने बनाने में करीब 36 महीने लगने की संभावना है।
2. विक्रमशिला सेतु के समानांतर करीब 4.5 किलोमीटर लंबा पुल 1,110 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण होना है। यह 42 महीने में पूरा होगा।
3. महात्मा गांधी सेतु के समानांतर 5 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण करीब 3000 करोड़ की लागत से अक्टूबर में होने की संभावना है। मार्च 2024 में इसका निर्माण पूरा होने की संभावना है।
4. पटना में जेपी सेतु के समानांतर 6 लेन पुल करीब साढ़े 4 किलोमीटर लंबा होगा और 2200 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले पुल की प्रक्रिया चल रही है।
5. इसके अलावा दानापुर से शेरपुर के सारण के दिघवारा के बीच पुल बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और यह पटना के 137 किमी लंबे रिंग रोड का हिस्सा होगा।