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बिहार में उफनती गंडक का पानी 3 जिलों में फैला, सात जिलों में कल तक के लिए रेड अलर्ट

मानसून सीजन में हो रही भारी बारिश ने बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के साथ ही सारण में गंडक में पानी बढ़ने से कई इलाकों में पानी घुस गया है। मौसम विभाग ने आज भी पूर्वी-पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही पूरे बिहार में 18 जून तक वज्रपात का अलर्ट भी जारी किया गया है।

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बिहार के सभी 38 जिलों में बारिश हो रही है। इसके लिए विभाग ने ब्लू अलर्ट भी जारी किया हुआ है। राजधानी पटना में भी दोपहर से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है।

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5 जिलों में आज, 7 जिलों में कल के लिए रेड अलर्ट

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मौसम विभाग ने पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण और गोपालगंज जिलों में आज भारी बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा राजधानी पटना, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय और लखीसराय के लिए गुरुवार 17 जून को भारी बारिश और वज्रपात का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

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मौसम विभाग ने खुले स्थानों से बचने की सलाह दी

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मौसम विभाग का कहना है कि ”बिहार में जारी अति सक्रिय मानसून में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर आकशीय बिजली गिरने/ ठनका/वज्रपात की गतिविधियों के लिए बहुत अनुकूल परिस्थिति है। अगले तीन दिनों के दौरान यानी 18 जून 2021 तक तीव्र आकाशीय बिजली गिरने की संभावना बहुत अधिक है। सभी खुले मैदान, नदियां, जल भराव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान इत्यादि बिजली गिरने के लिए संभावित क्षेत्र रहेंगे। बिजली की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के प्रहार ऐसी परिस्थितियों में घातक साबित हो सकती हैं।

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आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे इस अवधि के दौरान पूरी सावधानी बरतें और विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा समय-समय पर परिचालित सभी “ क्या करें और क्या न करें ” सलाह का पालन करें।”

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गंडक बैराज से पानी छोड़ने का 10 सालों का रिकॉर्ड टूटा

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बिहार और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद नदियों के जलस्तर में अचानक हुई बढ़ोतरी ने कई इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं। गंडक समेत कई सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार रात 9 बजे तक गंडक बराज से 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

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पिछले 10 सालों में 15 जून को इतना डिस्चार्ज कभी नहीं किया गया। इसके बाद तटबंधों पर भारी दबाव उत्पन्न हो गया और कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया। पानी के दबाव में वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोलने पड़े। मौसम विभाग के बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार, गंडक के जलस्तर में और वृद्धि होगी।

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बेतिया के दर्जनों गांव में घुसा पानी; कटाव रोकने के लिए रातभर जागे लोग

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बेतिया में गंडक, बूढ़ी गंडक, हरबोड़ा, बलोर, मसान, रामरेखा, कोहड़ा, कठहा, गांगुली, दोहरम और पंड़ई आदि नदियों में बाढ़ आ गई। वाल्मीकिनगर मौसम विज्ञान केंद्र के इंचार्ज विपुल चौधरी के अनुसार बेतिया में रिकॉर्ड 195 एमएम बारिश होने के बाद ऐसी स्थिति बनी। रामनगर के कई गांवों में मसान नदी का पानी घुसने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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नरकटियागंज और आसपास के कई इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की तैयारी में हैं। बगहा, वाल्मीकिनगर के कई इलाकों में पानी घुसने लगा है। बेतिया के डीएम ने बताया कि देर रात तक पानी कई और इलाकों में फैल जाएगा।0

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input – bhaskar

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