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बिहार: बरसात में और निखर जाता है करकटगढ़ जलप्रताप का सौंदर्य, हरी भरी पहाड़ियों से नहीं हटती है नजर

पर्यटन के लिहाज से बिहार काफी पीछे है। आमलोगों से पूछा जाए तो वे भी राजगीर और बोधगया के बाद बड़ी मुश्किल से तीसरे स्‍पॉट का नाम ले पाते हैं। अब सवाल उठता है कि क्‍या सच में ऐसा है या लोग जानकारी के अभाव में अन्‍य पर्यटन स्‍थलों के बारे में नहीं जानते हैं? इसका जवाब चाहे जो हो पर आज हम आपको बिहार के एक ऐसे पर्यटअन सथल के बारे में तस्‍वीरों के जरिये बताने जा रहे हैं, जिसकी खूबसूरती जन्‍नत का एहसास कराती है।

कैमूर की पहाड़ी का सौंदर्य बरसात के मौसम में काफी मनोरम हो जाता है। पहाड़ी की खूबसूरती में चार चांद लग जाता है। करकटगढ़ जलप्रपात कैमूर की पहाड़ियों के सौंदर्य को और अलौकिकता प्रदान कर देता है।

कलकल बहता पानी और हरी-भरी पहाड़ियों से टकार कर आने वाली मंद-मंद ठंडी हवाएं शैलानियों को अद्भुत एहसास कराता है।

Karkatgarh in Kaimur district
कैमूर जिले का करकटगढ़

करकटगढ़ जलप्रपात सैलानियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं

कैमूर जिले का करकटगढ़ जलप्रपात सैलानियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। बरसात के मौसम में इसका सौंदर्य देखते ही बनता है।

Karkatgarh Falls is no less than a paradise for tourists
करकटगढ़ जलप्रपात सैलानियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं

कैमूर जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चैनपुर प्रखंड के करकटगढ़ जलप्रपात के विकास का काम दिसंबर 2019 में शुरू हुआ और आज भी चल रहा है।

बरसात में जलप्रपात की खूबसूरती देखने बड़ी संख्‍या में आते हैं लोग

यहां का इको टूरिज्म पार्क हो या फिर करकटगढ़ जलप्रपात का मगरमच्छ संरक्षण केंद्र, सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

यही कारण है कि महज दो-तीन वर्षों के अंदर यह जलप्रपात पूर्वांचल, शाहाबाद और मगध के लोंगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है। बरसात के मौसम में जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने के लिए बड़ी संख्‍या में लोग आते हैं।

Kaimur Hills full of natural beauty is called Europe of Bihar.
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण कैमूर हिल्स को बिहार का यूरोप कहा जाता है

कैमूर पहाड़ी पर कर्मनाशा नदी के ऊपर स्थित इस जलप्रपात की खूबसूरती बरसात के दिनों मे काफी बढ़ जाती है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण कैमूर हिल्स को बिहार का यूरोप कहा जाता है।

कैमूर हिल्स लगभग 483 किलोमीटर लंबी विंध्य पहाड़ियों का पूर्वी भाग है, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से बिहार के कैमूर-रोहतास जिलों के आसपास तक फैला हुआ है।

पर्यटकों को सुकून और रोमांच से भर देता है विहंगम दृश्य

पहाड़ियों की अलौकिक खूबसूरती, शांत वातावरण, स्वच्छ हवा, सरोवर और दुर्गम घाटियों का विहंगम दृश्य पर्यटकों को सुकून और रोमांच से भर देता है। कुछ वर्षों से यहां पर्यटकों के आने की तादाद काफी बढ़ गई है।

The number of tourists coming here has increased significantly over the years.
कुछ वर्षों से यहां पर्यटकों के आने की तादाद काफी बढ़ गई है

कैमूर घाटी की जैव विविधता, तरह तरह के पंछी, दुलर्भ जंगली जानवर, मूल्यवान आयुर्वेदिक औषधियां, दुर्गम किले, प्राकृतिक जलप्रपात आदि पर्यटकों के मन को मोह लेते हैं।

पहाड़ियों पर स्थित हिन्दू देवी-देवताओं के पौराणिक और रहस्यमय मंदिर कैमूर हिल्स की लोकप्रियता में चार चांद लगाने का काम करते हैं।

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