ADMINISTRATIONBIHARBreaking NewsPolicePoliticsTECHNOLOGY

बिहार पुलिस का एप लांच, 5 लाख अ’पराधियों का डेटा हुआ अपलाेड, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी हिस्ट्री

PATNA-बिहार पुलिस का नया चक्र एप लांच, पांच लाख अपराधियों का 10 वर्षों का डेटा हुआ अपलाेड, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी हिस्ट्री, संदिग्ध का फोटो खींचकर भी एप में सर्च कर सकते हैं, संदिग्ध की पहचान में मिलेगी मदद

Sponsored

अपराधियों का नाम लीजिए और मोबाइल के स्क्रीन पर उस खास नाम के सारे अपराधियों का फोटो सहित ब्यौरा उपलब्ध…। इतना ही नहीं अपराधी का अगर हुलिया पता है और उसकी हाइट 6 फीट है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित इलाके के 6 फीट हाइट वाले अपराधियों का पूरा ब्यौरा भी सामने होगा। राज्य पुलिस ने अपराध पर नियंत्रण और अपराधियों का सुराग तलाशने के लिए यह नए तरह का खास एप लॉन्च किया है। राज्य के करीब दो हजार पुलिस पदाधिकारी मोबाइल फोन के जरिए इस एप से जुड़ भी चुके हैं। इसमें खासतौर पर थानेदार और जिलों के एसपी शामिल किए गए हैं।

Sponsored

Sponsored

इस एप पर लंबे समय से काम चल रहा था और बिहार पुलिस मुख्यालय ने अब इसे हरी झंडी दे दी है। खासबात यह है कि इस एप पर पिछले दस वर्षों में अपराध करने वालों को डेटा फीड किया गया है जिनकी संख्या करीब साढ़े चार से पांच लाख है। इस एप के निर्माण पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और लगभग 40 लाख रुपए की लागत से पुलिस मुख्यालय में इसका सर्वर भी लगाया गया है। जमानत पर जेल से बाहर आने वाले अपराधियों के बारे में भी पुलिस इस एप के जरिए नजर रख सकेगी।

Sponsored

इस एप की मॉनिटरिंग कर रहे बिहार विशेष सशस्त्र बल के आईजी एमआर नायक के अनुसार पुलिस पदाधिकारी इस एप पर किसी भी अपराधी का डेटा देख सकते हैं। पुलिस की गश्ती के दौरान अगर कोई संदिग्ध दिखता है तो पुलिस पदाधिकारी उस व्यक्ति को फोटो खींच कर इस एप्लीकेशन में सर्च कर सकते हैं। अगर उसका कोई आपराधिक इतिहास रहा है और उसका नाम पुलिस रिकार्ड में दर्ज है तो तत्काल उसका ब्यौरा मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगा।

Sponsored

इस एप की खासियत यह है कि इसपर राज्य, जिला और शहर के हिसाब से भी अपराधियों का ब्यौरा देखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी की गाड़ी चोरी हुई और संदिग्ध का हुलिया और लंबाई पता है तो उस हाइट के अपराधियों का ब्यौरा भी उपलब्ध हो जाएगा। इससे संदिग्ध की पहचान करने में मदद मिल सकती है। इस एप पर वर्ष 2005 से लेकर 2020 तक के अपराधियों का डेटा अपलोड किया जाना है। इस एप को स्टेक कंपनी ने डिजाइन किया है। आने वाले दिनों में इस एप से अन्य पुलिसकर्मियों को भी जोड़ा जाएगा।

Sponsored

Comment here