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बिहार ने सबसे जल्दी न्याय का बना रिकॉर्ड, बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को एक दिन में उम्रकैद की सजा

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ARARIA : बिहार ने न्याय के मामले में देश के अंदर एक के नया रिकॉर्ड बनाया है। एक बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने केवल एक दिन के अंदर उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला अररिया जिले का है। अररिया जिले में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायालय ने एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में एक ही दिन में गवाही और बहस पूरा करते हुए अभियुक्त को दोषी करार दिया और साथ ही साथ आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी। दुष्कर्म के इस मामले में एक दिन के अंदर आरोपी को सजा सुनाए जाने के पीछे पुलिस से लेकर अभियोजन पक्ष तक की कड़ी मेहनत और कोर्ट का कमिटमेंट भी वजह माना जा रहा है।

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पॉक्सो की विशेष न्यायालय के न्यायाधीश शशिकांत राय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए एक दिन के अंदर ही कोर्ट में गवाही की प्रक्रिया पूरी कराई और फिर वह भी करा ली गई। कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी भी करार दिया और बिना वक्त जाया किए आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी। इससे पहले पॉक्सो एक्ट के तहत मध्य प्रदेश के अंदर 3 दिनों में स्पीडी ट्रायल करा कर आरोपी को सजा दिलाने का रिकॉर्ड रहा है लेकिन अब मध्य प्रदेश के स्पीडी ट्रायल के रिकॉर्ड को बिहार में तोड़ दिया है। अररिया के नरपतगंज थाना में 23 जुलाई 2021 को दुष्कर्म का एक मामला दर्ज किया गया था पुलिस ने तेजी से काम करते हुए 18 सितंबर को चार्जशीट दाखिल कर दिया। केस की आईओ एसआई रीता कुमारी और अभियोजक के श्याम लाल यादव ने इस केस पर बिना वक्त जाए किए मेहनत की और कोर्ट ने इस मामले में 20 सितंबर को संज्ञान लिया। 24 सितंबर को आरोप गठित किया गया इसके बाद 4 अक्टूबर को विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई शुरू की। 10 गवाहों की गवाही हुई और फिर एक दिन के अंदर बहस पूरी करते हुए अभियुक्त दिलीप यादव को उम्र कैद की सजा सुना दी गई।

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कोर्ट ने इस मामले में दोषी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही साथ पीड़िता को 7लाख की आर्थिक मदद का भी आदेश दिया है। खास बात यह रही कि 4 अक्टूबर को जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो अभियोजन पक्ष की तरफ से सभी गवाहों जैसे पीड़ित, डॉक्टर और जांचकर्ता समेत अन्य की गवाही 10 बजे ही शुरू करा दी गई थी और उसी दिन शाम 5 बजे सजा भी सुना दी गई। बिहार ने न्याय के मामले में जो रिकॉर्ड बनाया है वह अब टूटना नामुमकिन है क्योंकि एक दिन के अंदर किसी अन्य आरोपी को सजा तो दिलाई जा सकती है लेकिन इससे कम वक्त में ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा।

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Abhishek Anand

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