देश भर में बिजली के उत्पादन में बिहार अगली पंक्ति में खड़ा हो गया है. बता दें कि बिहार बिजली उत्पादन के मामले में सरप्लस स्टेट बन गया है. अब बिहार दूसरे राज्यों को बिजली बेच रहा है. बिहार अब इससे भी पैसे कमाने लगा है. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि बिहार में बिजली सस्ती हो सकती है.ऐसे में अब उपभोक्ताओं पर टैरिफ का अधिक भार नहीं पड़ेगा. बता दें कि प्रदेश सरकार हर सार करीब प्रदेश में एक से डेढ़ करोड़ रुपए की बिजली बेची जा रही है. इस कारण से यह कहा जा रहा है कि आने वाले समय में बिहार में बिजली की दर में कमी हो सकती है.
बता दें कि बिहार में केंद्रीय कोटा 7 हजार मेगावाट से अधिक हो चुका है. इधर बिहार की अधिकतम जरूरत 6500 मेगावाट के आसपास है. इसमें नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के थर्मल पावर, एनएचपीसी के हाड्रोपावर, सौर ऊर्जा एवं विंड पावर प्लांट और औरंगावाद जिला स्थित नवीनगर बिजलीघर से बिजली की आपूर्ति शुरू की गई है. इन बिजलीघरों के शुरू हो जाने से बाद बिहार सरप्लस पावर स्टेट बन चुका है. इस साल तीनों बिजलीघरों से सूबे को 675 मेगावाट बिजली की आपूर्ति शुरू की गई है.
वर्तमान में अगर हम बिहार में बिजली उत्पादन की बात करें तो प्रतिदिन पांच हजार मेगावाट बिजली की मांग है. ठंडा शुरू होने से पहले बिहार में 4500 मेगावाट बिजली की मांग रही थी. लेकिन ठंड बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ गई है. अगर हम पिछले साल की बात करें तो 2021 में 16 जुलाई को रात 10 बजे 6627 मेगावाट तक मांग पहुंची थी. गर्मियों केदिनों में दिन में कम और रात में बिजली की खपत अधिक हो जाती है. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि उपभोग से ज्यादा बिजली उत्पादन होने पर बेचा जाना स्वभाविक है अब प्रदेश में सभी जगहों पर बिजली है. आगे की जरूरत को लेकर हमने पूरा रोडमैप तैयार कर रखा है. बिहार अपनी जरूरत पूरी करने के बाद बची हुई बिजली बाजार को देगा. इससे सूबे की दूसरी जरूरते पूरी होगी.
इन पनबिजली परियोजनाओं से मिलती है बिजली : 753 मेगावाट
- रंगीत : 21 मेगावाट
- तिस्ता : 108 मेगावाट
- चूखा : 99 मेगावाट
- ताला : 260 मेगावाट
- मांगडेचू : 265 मेगावाट
एनटीपीसी के बिजलीघरों से तय कोटा : 5261 मेगावाट
- नवीनगर 1048 मेगावाट
- तालचर 427 मेगावाट
- कहलगांव 424 मेगावाट
- बरौनी 610 मेगावाट
- कांटी 292 मेगावाट
- बाढ़ स्टेज-2 1188 मेगावाट
- बाढ़ स्टेज-1 401 मेगावाट
- फरक्का : 636 मेगावाट
- रेल बिजली 75 मेगावाट
- दरलीपाली 160 मेगावाट
बिहार का सेंट्रल कोटा : 6741 मेगावाट
- थर्मल पावर 5261 मेगावाट
- पनबिजली 753 मेगावाट
- सौर ऊर्जा 638 मेगावाट
- पवन ऊर्जा 500 मेगावाट
Comment here