धनबाद के प्रधानखंता से बिहार के औरंगाबाद जिला स्थित बंधुआ तक रेलवे लाइन रेलवे ट्रैक के दोनों किनारों पर दीवार खड़ी करने का काम शुरू हो चुका है | रेलवे लाइन के किनारे सैंकड़ों दुकान, मकान और ऊंची ईमारतें आ रही हैं इन्हें भी खाली करने का नोटिस दे दिया गया है | रेलवे ने ऐसे लोगों को पहले भी नोटिस जारी किया था, लेकिन लोगों ने जमीनें खाली नहीं कीं, अब दोबारा नोटिस भेजकर खुद से खाली कर लेने की मोहलत दी गई है | जमीन अगर समय से खाली नहीं हुई तो बुलडोजर भी चलाया जा सकता है |
दिवार खड़ी करने के पीछे का कारण
हावड़ा से नई दिल्ली तक ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे हो चुकी है. अगले एक-दो वर्षों में इस रूट पर ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे हो जाएगी | धनबाद रेल मंडल में प्रधानखंता से बंधुआ तक 200 किमी रेल मार्ग पर 160 किमी की स्पीड से ट्रेनें चलेंगी | ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से रेलवे ट्रैक को सुरक्षित करना जरूरी है ताकि दुर्घटनारहित ट्रेनें चलाई जा सकें, यही कारण है कि इस पूरे रेल मार्ग पर ट्रैक के दोनों किनारे दीवार खड़ी की जा रही है |
वासेपुर से पांडरपाला तक रेलवे लाइन के दोनों किनारे इंजीनियरिंग विभाग की ओर से की गई जमीन की मापी में पाया गया है कि लगभग 75 से 80 मकान, दुकान और इमारतें रेलवे की जमीन पर खड़ी हो गई हैं, ऐसे सभी लोगों को नोटिस का रिमाइंडर भेजा गया है |
धनबाद शहर में रांगाटांड़ ट्रैक्शन कॉलोनी से भूली जोनल ट्रेनिंग स्कूल तक ऊंची दीवार खड़ी होगी | इसके लिए बड़ी संख्या में आरपीएफ के साथ इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे की जमीन मापी शुरू कर चुके हैं |
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भूली जोनल ट्रेनिंग स्कूल के पास से रेलवे की जमीन पर दीवार निर्माण के लिए मिट्टी की खोदाई शुरू हो चुकी है | इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने मुनादी भी की थ, रेलवे की जमीन खाली करने के साथ ही उन्हें यह भी कहा गया कि रेल लाइन पार न करें, ऐसा करने पर आरपीएफ कार्रवाई करेगी |