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बिहार को 2024 तक मिलेगा कई पुल और फोरलेन सड़क की सौगात, इन जगहों से पटना पहुँचना होगा आसान

आने वाला दो साल बिहार के लिए आधारभूत संरचना के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण होगा। आधा दर्जन मेगा पुल व प्रोजेक्ट अस्तित्व में आ जाएंगे। इनमें कई प्रोजेक्ट सीधे तौर पर पटना से जुड़ी हैं। इनके पूर्ण होने से पटना और आसपास के जिलों की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ी तब्दीली आ जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण उत्तर बिहार का लाइफ लाइन कहे जाने वाले पटना और हाजीपुर के बीच महात्मा गांधी सेतु है। साल के मई तक गांधी सेतु के जीर्णोद्धार का काम पूर्ण हो जाएगा।

मिली जानकारी के मुताबिक, गांधी सेतु के समांतर निर्माणाधीन फोरलेन पुल का निर्माण 2024 के सितंबर तक पूरा हो जाना है। इसके निर्माण पर लगभग 2926.42 करोड़ की राशि खर्च हो रही है। पुल के बन जाने से हाजीपुर से राजधानी का सफर सुहाना हो जाएगा।

प्रतीकात्मक चित्र

अगले साल के अक्टूबर माह तक मोकामा में राजेंद्र सेतु के समानांतर निर्माणाधीन सिक्स लेन पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसे बनाने में लगभग 1161 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। राज्य के उत्तर पूर्वी हिस्से से पटना का सफर आसान हो जाएगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग-83 यानी पटना-गया-डोभी 127 किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क का निर्माण इसी साल दिसंबर में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। इस परियोजना की लागत 5,519 करोड़ रुपये है। इस सड़क के बनने से पटना से पड़ोसी राज्य झारखंड और बंगाल का सफर सुलभ हो जाएगा। वहीं साल 2024 के जून तक रजौली-बख्तियारपुर के बीच निर्माणाधीन फोर लेन सड़क का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। इसके निर्माण पर लगभग 3375 करोड़ रुपए की लागत आ रही है।

वहीं, 1408 करोड़ के लागत से बन रहे नए ग्रीन फील्ड एलायनमेंट पर बन रही बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन सड़क पर साल के आखिर तक परिचालन शुरू हो जाएगा। जबकि गंगा नदी पर निर्माणाधीन कच्ची दरगाह बिदुपुर के बीच बन रहे पुल का निर्माण अगले साल के दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा। इसी समय तक सुल्तानगंज-अगवानी घाट पुल का निर्माण हो पूरा हो जाने की उम्मीद है। लंबे अंतराल से लंबित बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण 2024 के जून तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे बनाने में लगभग 2875.20 करोड़ की लागत आ रही है।

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