महती अभियान के तहत बिहार के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे को अक्षर पहचानने, पढ़ने-लिखने, उसका मिनिंग बताने में निपुण किये जायेंगे। जोड़-घटाव और उम्र सापेक्ष अन्य संख्यात्मक कार्यकलापों में भी बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा। जून के पहले सप्ताह से बिहार सरकार का शिक्षा विभाग प्रदेश भर के विद्यालयों में ‘निपुण बिहार’ योजना को शुरू करने जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में गर्मी के छुट्टी के बाद स्कूल खुलते ही इसे शुरू करने का आदेश विभाग के प्रमुख सचिव ने दिया है। इस योजना को सफल बनाने में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि, विद्यालय शिक्षा समिति और शिक्षा महकमे के तमाम अधिकारी अपनी भूमिका अदा करेंगे। गौरतलब हो कि बिहार सहित देशभर के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों में आयु तथा वर्ग के अनुसार अक्षर तथा अंकज्ञान की बड़ी चुनौती के मद्देनजर नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘निपुण भारत योजना’ को शुरू किया है।
‘निपुण बिहार’ को जून में लॉन्च करने को लेकर शिक्षा विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। निपुण भारत योजना का पूर्ण नाम ‘नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है’। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्राथमिक कक्षा (विशेष रूप से पहली से तीसरी) के बच्चों के बीच आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता के ज्ञान को पहुंचाना है। गत कई महीने से शिक्षा विभाग से जमीन पर लागू करने की कवायद में जुटा हुआ है।
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने अपने अगुआई में हुई फंडामेंटल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी फाउंडेशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की मीटिंग में योजना को ग्राउंड लेवल पर लागू करने को लेकर तैयारियों की समीक्षा की। बीईपी की राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी किरण कुमारी बताती हैं कि निपुण बिहार को लेकर मई तक सभी स्कूलों तक शिक्षण सामग्री पहुंचा दिये जायेंगे, ताकि जून से इसे शुरू किया जा सके।
उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए जरूरी शिक्षण सामग्री, वर्कबुक, पोस्टर, निपुण बिहार का थीम सॉन्ग भी बनकर तैयार हो गया है। योजना हेतू प्रदेश स्तर पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश के नेतृत्व में टास्क फोर्स गठित किया गया है। यह टास्क फोर्स जिला और प्रखंड लेवल पर भी गठित होगी।