बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की लेट लतीफी से परेशान होकर नया कदम उठाया है। सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है एक घंटे देर से उपस्थिति बनी तो आधे दिन की छुट्टी काट ली जाएगी।
बिहार में सरकारी कर्मचारियों को लेकर नया आदेश आया है। लेट लतीफ दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारियों को अपनी अब बदलनी होगी। सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों की लेट लतीफी से परेशान राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है।
एक घंटे देर से उपस्थिति बनी तो आधे दिन की छुट्टी काट ली जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डा. बी राजेन्दर ने सोमवार को सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर कहा है कि वे सरकारी सेवकों के समय पर कार्यालय पहुंचने की गारंटी करें। सभी सरकारी सेवकों को अनिवार्य रूप से बायोमीट्रिक सिस्टम पर उपस्थिति दर्ज करनी है।
कर्मचारियों के खिलाफ होगी अनुशासनिक कार्रवाई
पत्र में उन कर्मचारियों को चेतावनी भी दी गई है, जो आदतन देरी से कार्यालय पहुंचते हैं। कहा गया है कि देर से बार-बार उपस्थिति दर्ज कराने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
एक घंटा देर से कार्यालय पहुंचने वाले कर्मियों के आकस्मिक अवकाश (सीएल) के खाते में आधे दिन की छुट्टी दर्ज कर दी जाएगी।
सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद भी किसी अधिकारी-कर्मचारी को महीने में सिर्फ दो दिन देर से कार्यालय आने की छूट दी जाएगी।
हाजिरी मोबाइल एप से बनाने का निर्णय
लेकिन, इसके लिए भी पहले से अनुमति लेनी होगी। सरकार या सक्षम प्राधिकार के निदेश पर अगर कोई सेवक उच्च न्यायालय, किसी अन्य न्यायालय, लोकायुक्त का कार्यालय, प्रशिक्षण संस्थान, राज्य सूचना कार्यालय आदि संस्थानों में जाते हैं तो उन्हें देर से आने पर भी दंडित नहीं किया जाएगा।
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गौरतलब है कि बीते दिनों बिहार सरकार के ऐसे कर्मचारी या पदाधिकारी, जो फील्ड में घूमने का काम करते हैं, उनकी हाजिरी मोबाइल एप से बनाने का निर्णय लिया था।
मोबाइल एप के जरिए इसकी भी मानीटरिंग होगी कि कर्मचारी या पदाधिकारी अपने क्षेत्र में गए थे या नहीं। सरकार जल्द ही यह व्यवस्था लागू करने वाली है।
गृह विभाग की विशेष शाखा की तरफ से बेल्ट्रान को पत्र लिखकर जीपीएस आधारित मोबाइल एप तैयार करने को कहा है।