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बिहार के सभी विधायक-एमएलसी पीते हैं शराब, नीतीशजी हिम्मत है तो जनता की तरह इनकी भी जांच कीजिए

सुनने में अजीब लगे लेकिन यह सच है। बिहार के अधिकांश विधायक—एमएलसी और उनके रिश्तेदार शराब पीते हैं। विश्वास ना हो तो विधान सभा सत्र के दौरान नीतीश बाबू इन सबकी जांच करवाकर देखले। अपने आप सारी सचाई पता चल जाएगी। पत्रकार शशि भूषण कहते हैं कि एकदम सही कर रहें नीतीश जी। छनवा मारिये.. पूरा विधानसभा। डीजीपी हों या मुख्य सचिव इनका काम ही है खाली बोतल की जांच करना। दो दिन निकल गया है बस कल सुबह से ही सदन में आने वाले माननीयों से फूँकवा दीजिये मशीन में। आप ही करवा सकते हैं.. मुख्यमंत्री जी। शराब बहुत खराब चीज है…

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मंगलवार को शराब की खाली बोतल पर ही विधानसभा झूमी। विधानसभा कैंपस में शराब की खाली बोतलें मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बेहद खराब बात है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ऐसा कैसे हो रहा है? बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की सहमति के बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच का ऐलान किया। जांच की जिम्मेवारी मुख्य सचिव और डीजीपी को सौंपी गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे बुरा क्या हो सकता है कि विधानसभा कैंपस में बोतलें मिले। उन्हें तो पता ही नहीं था कि क्या बात हो रही है? उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से मामले की जानकारी ली। यह दुखद है। कोई गड़बड़ कर रहा है। इसके पहले विधानसभा कैंपस में शराब की बोतल मिलने के मामले पर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। तेजस्वी बार-बार उच्चस्तरीय जांच कराने पर अड़े रहे। विपक्षी लगातार हंगामा करते रहे। मुख्यमंत्री की जांच की घोषणा के बाद ही वे शांत हुए। उधर मद्य निषेध उत्पाद मंत्री ने कहा-जांच में सब पता चल जाएगा। एसएसपी ने कहा-जल्द प्राथमिकी दर्ज होगी।

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स्पीकर ने कहा- मामला गंभीर, जांच कराए सरकारस्पीकर ने विपक्ष के नेता को ही कटघरे में खड़ा किया और कहा कि जिस समय कानून बन रहा था तेजस्वी सरकार में थे और भाजपा विपक्ष में। उस समय हमने खाली बोतलों को लेकर संशोधन प्रस्ताव दिया था। हालांकि स्पीकर ने कहा कि कैंपस में खाली बोतलें मिलना खतरनाक है। यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार इसकी पूरी जांच कराए।

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तेजस्वी ने सरकार को घेरा, इस्तीफा मांगासदन से बाहर तेजस्वी यादव ने शराबबंदी के मसले पर सरकार को घेरा, उससे इस्तीफा मांगा। उनका कहना था कि शराबबंदी विफल है। इसकी कामयाबी के नाम पर पुलिस-प्रशासन आम लोगों को प्रताड़ित कर रही है।

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