ADMINISTRATIONAUTOMOBILESBIHARBreaking NewsDELHIEDUCATIONNationalNaturePolitics

बिहार के नौ लाख किसान एक गलती के चलते इस योजना से हुए वंचित, जल्‍दी अपडेट कर लें जमीन की रसीद

एक गलती का खामियाजा बिहार के नौ लाख किसानों को भुगतना पड़ रहा है। राज्य सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने खुद इसकी जानकारी दी है। मंत्री ने किसानों को इस नुकसान से बचने का तरीका भी बताया है। सदन में रामचंद्र पूर्वे के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कृषि इनपुट सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को अद्यतन रसीद दिखानी होती है। इस बार इसी वजह से नौ लाख किसानों के आवेदन रद्द हुए हैं, क्योंकि उन्होंने पुरानी रसीद दिखाई है, जबकि लाभ सिर्फ तीन सालों की रसीद देने वाले को ही अद्यतन मिलता है।

Sponsored

सदन में मंत्री ने जानकारी दी कि 2021-22 में कृषि इनपुट अनुदान योजना से अबतक 534,89,23,967 रुपए किसानों के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किए गए। योजना से 13,23,615 किसान लाभान्वित हुए। नौ लाख से अधिक आवेदन रद्द हुए। अद्यतन रसीद किसानों ने दी होती तो वे भी लाभान्वित होते। 30 जिलों के 22.27 लाख किसानों ने लाभ के लिए आवेदन दिए थे। सरकार की कृषि संबंधी तमाम योजनाओं में किसान को उसके खेत के लगान की रसीद देनी पड़ती है।

Sponsored

नीरज कुमार के तारांकित प्रश्न का विधान परिषद में सोमवार को उत्तर देते हुए कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि राज्य में लेमनग्रास की खेती को बढ़ावा देने के मकसद से प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि सरकार देती है। निवेश नीति में प्रोसेसिंग प्लांट लगाने पर भी कई प्रकार की सुविधा देने का प्रावधान है।

Sponsored

मंत्री ने सदन में लेमनग्रास के फायदों से सभी को अवगत कराया। इस से निर्मित तेल की डिमांड छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में काफी है। गया जिला में 30 हेक्टेयर में सुगंधीय खेती के लिए बागवानी मिशन से प्रति हेक्टेयर 20 हजार की दर से सहायता सब्सिडी प्रदान किया जा रहा है। लेमनग्रास की खेती से नीलगाय से होने वाली नुकसान की भी संभावना कम हो जाती है, बस इसे खेत की मेड़ पर खेतीहरों को लगाना होगा।

Sponsored

Comment here