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पुलिस अधिकारी बनने का क्रेज हो रहा काफी कम, BPSC के टॉप 20 में सिर्फ 6 ने चुना पुलिस सर्विस, जानिए वजह

बिहार लोक सेवा आयोग ने 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में कुल 685 उम्मीदवार सफल हुए। इसमें 34 Dy SP समेत विभिन्न विभागों के लिए 685 अधिकारियों की नियुक्ति होगी। मगर चौंकानेवाली बात ये है कि टॉप-20 में आनेवाले मात्र छह उम्मीदवारों ने पुलिस में जाना पसंद किया, जिसमें टॉपर शामिल नहीं है।

बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं रिजल्ट में नया ट्रेंड देखने को मिला है। पुलिस अधिकारी बनने का क्रेज काफी कम होता दिख रहा है। टॉप-20 में से मात्र छह ने पुलिस सर्विस को चुना। जबकि बाकी 14 की पसंद दूसरे ऑफिसर बनना रहा।

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उनकी पहली पसंद बिहार पुलिस सेवा नहीं थी। वरना वो चाहते तो Dy SP बन सकते थे। State Tax Assistant Commissioner बनना छह उम्मीदवारों ने पंसद किया।

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इसका मतलब ये हो सकता है कि या तो उम्मीदवारों को खुद पर भरोसा नहीं था या फिर उनकी पसंद बदलती दिख रही है। पब्लिक की समस्याओं से जूझने की बजाए एसी कमरे में बैठकर हिसाब-किताब लगाना ज्यादा भा रहा है।

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नौकरी को लेकर बदल रही उम्मीदवारों की चॉइस?

BPSC रिजल्ट में इस बार नया ट्रेंड देखने को मिला। आमतौर पर उम्मीदवारों की पहली पसंद बिहार प्रशासनिक सेवा होती है। इसके बाद वो पुलिस सर्विस को चुनते हैं। चूंकि इसबार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के लिए कोई वेकेंसी नहीं थी।

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ऐसे में स्वभाविक रूप से बिहार पुलिस सेवा को तवज्जो मिलनी चाहिए थी। मगर जो रिजल्ट आया है, उससे लग रहा है कि ट्रेंड बदल रहा है। बीपीएससी के टॉप-20 सफल उम्मीदवारों के पसंद की बात करें तो मात्र छह अभ्यर्थियों ने पुलिस सेवा (Deputy Superintendent of Police) को चुना (रैंक- 2, 7, 8, 16, 17, 20)। उसमें भी टॉपर नहीं है।

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The craze to become a police officer is very less
पुलिस अधिकारी बनने का क्रेज काफी कम

जबकि टॉपर समेत छह उम्मीदवारों (रैंक- 1, 3, 4, 5, 6, 14) ने सहायक कर आयुक्त (State Tax Assistant Commissioner) बनना ज्यादा पसंद किया। वहीं, उपचुनाव पदाधिकारी (Sub Election Officer) बनना दो उम्मीदवारों (रैंक- 11, 18) ने ज्यादा बेहतर समझा।

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जिला रोजगार पदाधिकारी एक (रैंक- 12), जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी दो (रैंक- 9, 10) और अतिरिक्त परिवहन पदाधिकारी बनना तीन उम्मीदवारों (रैंक- 13, 15, 19) की पहली पसंद रही। जबकि वे चाहते को Dy SP बन सकते थे।

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BPSC के टॉप-20 ने कौन-कौन-सी नौकरियां चुनी

BPSC के टॉप-20 ने कौन-कौन-सी नौकरियां चुनी

टॉप करने वाले सुधीर कुमार ने चौथे पोजिशन वाली नौकरी State Tax Assistant Commissioner को चुना, जबकि वो चाहते तो Deputy Superintendent of Police की सेवा में जा सकते थे।

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सेकेंड टॉपर अंकित कुमार ने बिहार पुलिस सर्विस को चुना। मतलब रैंक के मुताबिक उन्होंने Dy SP को अपना चॉइस रखा।
थर्ड टॉपर ब्रजेश कुमार ने State Tax Assistant Commissioner को चुना। इन्होंने बिहार पुलिस सर्विस को लेकर कोई इच्छा जाहिर नहीं की।

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चौथे पोजिशन पर आनेवाले अंकित सिन्हा ने भी State Tax Assistant Commissioner बनने की प्राथमिकता दी।

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पांचवें नंबर आनेवाले सिद्धांत कुमार और छठे पोजिशन लाने वाली मोनिका श्रीवास्तव ने भी Dy SP की बजाए State Tax Assistant Commissioner बनना ज्यादा बेहतर समझा।

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हालांकि, सातवां स्थान लानेवाले विनय कुमार रंजन और आठवां स्थान लानेवाले सदानंद कुमार ने Deputy Superintendent of Police के करियर को प्राथमिकता दी।

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नौवां स्थान लानेवाले आयुष कृष्णा और 10वें नंबर पर आए अमर्त्य कुमार आदर्श ने District Minority Welfare Officer (नौवां स्थान) बनना पसंद किया।

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11वां पोजिशन लानेवाली रीतिका रीति ने पांचवें नंबर की Sub Election Officer तो 12वां स्थान लानेवाले आलोक नारायण वत्स छठे पोजिशन वाले Employment Officer/ District Employment Officer बनने की ख्वाहिश रखी।

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13वें नंबर पर आए आकाश ने Additional District Transport Officer (10वां स्थान) को चुना तो 14वें नंबर पर रहे मयंक प्रकाश ने State Tax Assistant Commissioner (चौथा स्थान) को चुना।

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15वां पोजिशन लानेवाले सलिल प्रकाश ने 10वें नंबर वाली नौकरी Additional District Transport Officer को पसंद किया।

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अभिजीत अल्केश ने 16वां और निशांत गौरव ने 17वां स्थान हासिल किया, मगर दोनों ने अपने पोजिशन के मुताबिक बिहार पुलिस सेवा को चुना।

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मेरिट लिस्ट में प्राची अपूर्वा का पोजिशन 18वें नंबर पर है, मगर पांचवें नंबरवाली Sub Election Officer बनेंगी।

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19वें स्थान पर रहे स्नेह अग्रवाल ने 10वें नंबर वाला अधिकारी बनना पसंद किया, उन्होंने Additional District Transport Officer को पसंद किया।

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20वें नंबर पर रहे वैभव प्रिया ने खुद को Deputy Superintendent of Police को लिए ज्यादा फिट पाया।

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जनरल और पिछड़ी जाति का फाइनल कटऑफ समान

बीपीएससी 66वीं की लिखित परीक्षा में सफल 1838 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इसमें कुल 1768 उम्मीदवार शामिल हुए। वहीं, 70 गैरहाजिर रहे। सफल उम्मीदवारों में 25 दिव्यांग और 13 स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित भी हैं।

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कटऑफ की बात करें तो अनारक्षित के लिखित परीक्षा में 454 और फाइनल रिजल्ट के 537 अंक तक गया। उसी तरह अनारक्षित (महिला) का 442 और 518 रहा। ईडब्ल्यूएस का 428 और 532, ईडब्ल्यूएस (महिला) का 412 और 514 था।

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एससी का 384 और 497 तो एससी (महिला) का 374 और 473 कटऑफ था। एसटी के लिए 398 और 475, ईबीसी 415 और 518, ईबीसी (महिला) का 400 और 501 था। बीसी के लिए 437 और 537 तो बीसी (महिला) का 426 और 516 पर फाइनल सेलेक्शन हुआ।

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बीसीएल के लिए 413 और 513, दिव्यांग (VI) 345 और 474, दिव्यांग (डीडी) 335 और 402, दिव्यांग (ओएच) 397 और 497, दिव्यांग (एमडी) 294 और 340 अंक कटऑफ रहा।

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