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पटना के कलयुगी बेटे का कारनामा, मां—बाप को को’रोना होने पर घर से निकाला, बेटी ने दिया सहारा

PATNA- बुजुर्ग मां-बाप को कोरोना हुआ तो तीनों बेटों ने घर से निकाला, ऐसे वक्त में बेटी बनी सहारा, पीड़ित ने कहा-मुझे न्याय चाहिए : पटना सिटी में एक कलयुगी बेटे ने बुजुर्ग मां बाप को इस कड़ाके की ठंड में घर से निकाल दिया। मां-बाप को घर से निकालने का कारण जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएगे। कोरोना संक्रमित होने पर उनके बेटे ने यह कदम उठाया। बेटे के इस कदम को इलाके के लोग भी गलत बता रहे हैं। जब इस बात की जानकारी बुजुर्ग दंपती की बेटी को हुई तो वह आनन-फानन में मायके पहुंच गयी और बुजुर्ग मां बाप की बेबसी को देख वो भी हैरान रह गयी। मां-बाप की हालत देख वह रोने लगी। उसके आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था। मां-बाप की हालत उसे देखी नहीं गयी। बेटी पिंकी दोनों को लेकर अपने ससुराल चली गयी। फिलहाल बुजुर्ग दंपत्ति अपनी बेटी के घर ही रह रहे हैं। पीड़ित दंपती अब पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

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मामला पटनासिटी के आलम गंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर इलाके का है। जहां कलयुगी बेटे की करतूत को देख इलाके के लोग भी हैरान हैं। दरअसल कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में आने के बाद एक बेटे ने अपने बुढ़े मां-बाप को इस कड़ाके की ठंड में घर से बाहर कर दिया। 65 वर्षीय रघुनाथ प्रसाद और उनकी पत्नी गिरजा देवी दोनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इस बात की जानकारी जब उनके तीनों बेटे को हुई तब दोनों को घर से बाहर निकाल दिया। दोनों दंपती कड़ाके की ठंड में सड़क के किनारे खड़े रहे लेकिन तीनों बेटों में किसी ने वापस घर ले जाने की कोशिश नहीं की।

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बुजुर्ग मां-बाप सड़क के किनारे खड़े रहे उन्हें देख आस-पास के लोग भी हैरान रह गये। लोगों ने इसकी सूचना उनकी बेटी पिंकी को दे दी। जैसे ही इस बात का पता चला वह ससुराल से मायके पहुंची। उसके लाख समझाने के बावजूद तीनों भाई मां-बाप को साथ रखने के लिए तैयार नहीं हुआ। मां-बाप को सड़क किनारे वह छोड़ नहीं सकती थी इसलिए उसने फैसला लिया कि वह उन्हें अपने ससुराल ले जाएगी। वही रखकर दोनों को होम आइसोलेशन में रखेगी और उनका इलाज कराएगी। पिंकी निजी वाहन से दोनों को अपने ससुराल साथ ले गयी। जहां दोनों को कोरोना होम आइसोलेशन में रखकर उनका इलाज करके उन्हें बेटी ने बचा लिया। लेकिन बुजुर्ग पिता रघुनाथ बेटी के घर पर कब तक रहते।

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बेटी के घर पर रहना उन्हे अच्छा नहीं लग रहा था। जिसके बाद दोनों बुजुर्ग दंपती अपने घर पहुंचे लेकिन तीनों बेटों ने घर में घुसने नहीं दिया। वो कहते रहे कि अब उन्हें कोरोना नहीं हैं लेकिन तीनों बेटों ने उनकी बात नहीं सुनी और घर का दरवाजा बंद कर दिया। जब उन्हें घर में घुसने नहीं दिया गया तब बुजुर्ग दंपती तीनों बेटों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गये। जहां पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया और घर जाने को कहा।

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उस वक्त थाने में उनके साथ उनकी बेटी पिंकी भी थी। बेटी पिंकी ने कहा कि मां-बाप ने हमें जन्म दिया है उन्हें कैसे छोड़ दूंगी। पीड़ित दंपती ने बताया कि जब कोरोना हो गया तो कोई देखभाल करने वाला नहीं था। कोरोना पेसेंट होने के बावजूद तीनों बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया। बेटी के घर पर हम लोग रह रहे थे वही दोनों का इलाज हुआ। जब बेटी के यहां थे तब किसी ने यह भी नहीं पूछा की तबीयत कैसी है। हमारा फर्नीचर का दुकान है। घर में रखा पैसा भी बेटों ने ले लिया। पास रखा पैसा भी छीन लिया और गेट में ताला बंद कर दिया। पुलिस से न्याय चाहते है इसलिए हम लोग थाने पर आए हैं।

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