PATNA-कोरोना रोकने के लिए बाजार में लोगों का जमघट रोकना जरूरी : हाईकोर्ट, राज्य सरकार ने किया है 460 एमटीएल ऑक्सीजन का इंतजाम, होम क्वारेंटाइन कोरोना पॉजिटिव लोगों के लिए टेली मेडिसिन सेवा : सूबे में कोरोना से लड़ने हेतु सरकारी इंतजाम की मॉनिटरिंग करने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की तरफ से मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तृत ब्यौरा पेश किया गया। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए सड़कों व बाजारों में भीड़भाड़ रोकना बेहद जरूरी है। खण्डपीठ ने मौखिक तौर पर सरकार को निर्देश दिया कि सड़कों व बाजारों पर पब्लिक के जमघट को रोकने की फौरन उपाय करें।
कोर्ट ने सरकार को यह भी हिदायत दी कि लोगों के जमघट व भीड़ को रोकने का मतलब यह नहीं कि बाजार को ही बंद कर दिया जाए। खण्डपीठ ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार हफ्ते में दो बार प्रेस रिलीज जारी कर लोगों को सरकार से मिलने वाली मेडिकल सेवाओं के साथ साथ उन आंकड़ों को भी प्रकाशित करें जिनमें कोरोना पॉजिटिव होने की दर और रिकवरी रेट का आंकड़ा भी मिलता रहे।
राज्य सरकार ने किया है 460 एमटीएल ऑक्सीजन का इंतजाम
कोर्ट को बताया गया कि दूसरी लहर के दौरान पूरे राज्य को 195 एमटीएल ऑक्सीजन की जरूरत थी, अभी 460 एमटीएल ऑक्सीजन का इंतजाम राज्य सरकार ने कर रखा है। सूबे के मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों सहित 10 बड़े सरकारी अस्पतालों में 90 एमटीएल क्षमता वाली ऑक्सीजन टैंक स्थापित कर काम कर रहे हैं। वहीं 60 से अधिक अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली पीएसए मशीनों को लगाया जा चुका है, जिनमें 56 काम कर रहे हैं। राज्य में ए, बी और सी ग्रेड के ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या क्रमशः 40 हजार, 38 हजार और 24 हजार बढ़ा कर अस्पतालों को मुहैय्या कराया गया है। इन तमाम बातों को स्वास्थ्य महकमे के अपर मुख्य सचिव अमृत प्रत्यय ने उक्त ब्यौरे को शपथ पत्र के जरिए कोर्ट में दायर किया था। मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी।
होम क्वारेंटाइन कोरोना पॉजिटिव लोगों के लिए टेली मेडिसिन सेवा
बुधवार को हुई वर्चुअल सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोरोना की तीसरे लहर से लड़ने की तमाम कवायद व तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट को पेश किया गया। राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर एवं अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि सबसे पहले राज्य के कोरोना पॉजिटिव लोगों में 98 फीसदी लोगों को हल्का (माइल्ड) संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं और इसी कारण उनकी रिकवरी भी जल्दी हो रही है। दूसरी बात कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की जांच भी सूबे के अंदर ही कराने की व्यवस्था दो जगहों पर की गई है। पटना के आईजीआईएमएस और निजी क्षेत्र की एसआरएल लेबोरेटरी को उक्त वेरिएंट की जांच हेतु अधिकृत किया गया है। रोजाना 2 लाख कोरोना टेस्ट (आरटीपीसीआर व एंटीजेन दोनों मिलाकर) किए जाने की व्यवस्था है। वहीं होम क्वारेंटाइन हुए कोरोना पॉजिटिव लोगों को टेली मेडिसिन सेवा और घर-घर में कोरोना की दवाओं के किट की मुफ्त आपूर्ति करने का भी इंतजाम है।
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