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नवीनगर रेल बिजलीघर बनकर तैयार, ट्रायल सफल, यहां से बिहार को 25 मेगावाट बिजली मिलेगी

नवीनगर रेल बिजलीघर बनकर तैयार, ट्रायल सफल 250 में से बिहार को दी जाएगी 25 मेगावाट बिजली,तीन यूनिटों का निर्माण पूरा, अब चौथी व अंतिम यूनिट भी तैयार : नवीनगर में रेल बिजलीघर बनकर तैयार है। एनटीपीसी और भारतीय रेल की इस संयुक्त कंपनी भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) की अंतिम यूनिट से बिहार को शीघ्र बिजली मिलेगी। इसका प्रारंभिक ट्रायल सफल रहा है। शीघ्र ही यहां से बिहार को 25 मेगावाट बिजली मिलेगी। 250 मेगावाट क्षमता के इस बिजलीघर में बिहार को 10 फीसदी हिस्सेदारी दी गई है।

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औरंगाबाद में बीआरबीसीएल की 250-250 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट स्थापित की गई है। तीन यूनिट पहले ही चालू हो चुकी है। यहां से बिहार को उसके कोटा के अनुरूप 10 फीसदी अर्थात 75 मेगावाट बिजली मिल रही है। यूनिट 4 के चालू होने का टारगेट जून में ही तय था, लेकिन कोरोना के कारण इसके निर्माण में थोड़ा विलंब हुआ। अब इस अंतिम यूनिट का निर्माण भी पूरा हो चुका है। इसके साथ ही रेल बिजलीघर की चारों यूनिट तैयार हो गई है। 1000 मेगावाट क्षमता के इस बिजलीघर से बिहार को 100 मेगावाट बिजली मिलनी है।

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इसके पहले एनटीपीसी के बाढ़ बिजलीघर के स्टेज-1 की पहली यूनिट और बरौनी बिजलीघर की एक यूनिट भी चालू हो चुकी है। बाढ़ से 401 मेगावाट बिजली की सप्लाई के पहले बरौनी से भी बिहार को 250 मेगावाट की आपूर्ति इसी महीने शुरू हुई है। अब नवीनगर रेल बिजलीघर से 25 मेगावाट बिजली मिलने से बिहार का कोटा 676 मेगावाट बढ़ जाएगा।

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बिहार की बाजार पर निर्भरता खत्म

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इन तीन बिजलीघरों के चालू होने के बाद बिहार की बाजार पर निर्भरता लगभग खत्म हो चुकी है। बाढ़ से 401 मेगावाट, बरौनी से 250 मेगावाट और रेल बिजलीघर से 25 मेगावाट के बाद बिहार के कोटे में 676 मेगावाट की बढ़ोतरी हो जाएगी। बिहार बाजार से 300 से 400 मेगावाट महंगी बिजली रोजाना खरीद रहा था। लेकिन बाढ़ और बरौनी से बिजली मिलने के बाद बिहार फिलहाल बाजार से बिजली नहीं ले रहा है।

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