NEW DELHI : शादी की खबर से दोनों का परिवार बेहद खुश है। दो समलैंगिक लड़कियों की सगाई:धूमधाम के साथ रिंग पहनाकर की ‘कमिटमेंट सेरेमनी’; गोवा में करेंगी डेस्टिनेशन वैडिंग, परिवार भी तैयार, रिंग सेरेमनी को दिया कमिटमेंट सेरेमनी का नाम, गोवा में होगा डेस्टिनेशन वेडिंग, नागपुर के एक होटल में दोनों ने एक दूसरे को रिंग पहनाई है। 2013 से पूरा परिवार इस रिश्ते के बारे में जानता है, सुरभि के परिवार ने शुरू से दिया उनका साथ, दोनों का परिवार खुले दिल से इस शादी को अपना रहा है।
कभी टैबू माने जाने वाली ‘समलैंगिकता’ को अब समाज में लोग खुले दिल से अपनाने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण नागपुर में देखने को मिला। यहां पूरे परिवार की सहमति के बाद दो लड़कियों ने बड़े धूमधाम से आपस में सगाई की है और अब ये गोवा में शादी करने जा रहीं हैं। दोनों के माता-पिता उनके इस रिश्ते से बेहद खुश हैं और रिंग सेरेमनी के दौरान सभी ने जमकर एन्जॉय किया है।
दोनों लड़कियों ने इस सगाई को ‘कमिटमेंट रिंग सेरेमनी’ नाम दिया है। लड़कियों के नाम सुरभि मित्रा और पारोमिता मुखर्जी है। सुरभि पेशे से डॉक्टर हैं। वे नागपुर की रहने वाली थीं, इसलिए दोनों ने यहीं रिंग सेरेमनी करने का निर्णय लिया। इसे कमिटमेंट सेरेमनी का नाम दिया गया।
रिंग सेरेमनी के बाद अब सुरभि और पारोमिता गोवा में डेस्टिनेशन वेडिंग करेंगी। रिंग सेरेमनी की तरह ही दोनों ने अपनी वेडिंग को सिविल यूनियन का नाम दिया है। दोनों अपनी शादी को लेकर बहुत उत्साहित हैं और शादी की तैयारियों में जुटी हैं।
पारोमिता मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता को 2013 में पता चला कि वह होमोसेक्सुअल हैं। पिता उनके साथ सामान्य व्यवहार करते थे। वह पिता से सहज थीं, इसलिए उन्हें यह बता दिया था। मां को उन्होंने कुछ दिन पहले ही अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में बताया। जब मां को यह पता चला तो वह पहले नाराज हो गईं, लेकिन पारोमिता ने उन्हें समझाया तो वह मान गईं। उन्होंने सुरभि के साथ उनके कमिटमेंट को भी स्वीकार कर लिया है।
नागपुर की रहने वाली डॉ. सुरभि मित्रा ने बताया कि उनके माता-पिता को उन्होंने शुरू में ही अपने होमोसेक्सुअल होने के बारे में बता दिया था। उनके परिवार की ओर से कभी भी उनके सेक्सुअल ओरिएंटेशन का विरोध नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जब उनके माता-पिता को पता चला तो वह खुश हुए कि उनकी बेटी ने कुछ छिपाया नहीं। सुरभि ने कहा कि मैं एक मनोचिकित्सक हूं और कई लोग मुझसे दोहरी जिंदगी जीने की बात करते हैं, क्योंकि वे अपने लिए स्टैंड नहीं ले सकते। लेकिन मैं स्टैंड ले सकती हैं, इसलिए खुलकर अपने रिश्ते को स्वीकार किया है। वह चाहती हैं कि दूसरे भी इससे प्रेरणा लें और दोहरी जिंदगी न जिएं।
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