बिहार के दरभंगा में शुरू हुए हवाई अड्डा (Darbhanga Airport) के नामकरण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. नामकरण का विवाद पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) पहुंच जाने के बाद आखिरकार पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में दखल देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के दिये नामों पर केंद्र सरकार के साथ बिहार सरकार भी विचार करे. अदालत ने इसके लिए चार महीने का वक्त भी दिया है. जनहित याचिका दायर करनेवाले संजय राय ने बताया कि उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अलावा तेरह लोगों तक अदालत के निर्देश की कॉपी पहुचाने का आदेश दिया है.
संजय राय ने दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराजा के नाम देने का आधार देते हुए बताया कि दरभंगा हवाई अड्डा खुद महाराजा का था लेकिन 1962 में चीन के युद्ध के समय महाराजा ने न सिर्फ इसे भारत सरकार को दान में हवाई अड्डा दे दिया बल्कि तब अपने तीन हवाई जहाज को भी भारत सरकार को दे दिया. साथ ही कई किलो सोना दान देकर भी आर्थिक मदद की थी ऐसे में इस हवाई अड़ड़े के नाम पर पहला हक दरभंगा महाराज का बनता है.
महाराजा के पौत्र ने कहा
अदालत के आदेश आने के बाद महाराजा के पौत्र कपिलेश्वर सिंह ने भी अपना वीडियो संदेश जारी किया है. उन्होंने अदालत के आदेश की प्रशंसा करते हुए याचिकाकर्ता संजय रॉय का धन्यवाद किया साथ ही उन्होंने भी दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराज कामेश्वर सिंह के नाम पर ही होने की मांग की है.
क्या है विवाद
मालूम हो कि दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाकवि विद्यापति के नाम करने की बिहार सरकार ने शिलान्यास के समय ही घोषणा की थी और विधान मंडल से भी यह नाम पास होकर केंद्र सरकार के पास चला गया है. सिर्फ अब केंद्र सरकार के तरफ से औपचारिकता पूरी होने के बाद हवाई अड्डा का नामकरण होना बाकी था. इसी बीच दरभंगा निवासी संजय राय ने पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करते हुए दलील दी कि दरभंगा हवाई अड्डा महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा भारत सरकार को दान में दिया गया है, इसलिए दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराज कामेश्वर सिंह जी के नाम से होना चाहिए. उन्होंने इसके लिए अदालत को तीन नाम बताए, जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया है.
input – DTW 24
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