New Delhi : दीपावली और छठ में जो लोग घर लौट आये। गांव लौट आये। अपनों के पास। उन लोगों की दीपावली भी अच्छी रही। छठ भी अच्छी ही जायेगी। क्योंकि मौसम साफ है, प्रदूषण न के बराबर है और नदी, तालाब, नहर की पानी बेहद साफ, शीतल। ऐसे में जो लोग घर लौट आये वे दिल्ली का छठ देखकर घबराये हुये हैं तो दिल्ली में जो रुक गये वो यमुना नदी के जहरीले पानी में डुबकी लगा रहे हैं।
बिहार, झारखंड, पूर्वांचल और आसपास के लोगों के बीच सर्वाधिक आस्था का पर्व छठ आज नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। इस मौके पर दिल्ली से झागवाली जो तस्वीरें आईं हैं वो दिल दहला देनेवाली हैं।
लोग मनमसोज कर अपनी आस्था के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन सच कहें तो यह आस्था चुनौतियों वाली और डरानेवाली है।
दरअसल यह सिर्फ आस्था का पर्व ही नहीं अपनों से मिलने का पर्व भी है। जैसा कि फेसबकु पर Kumar Rajat का एक पोस्ट बताता है-
बहरहाल छठ पूजा का जश्न शुरू हो गया है। झाग के बावजूद दिल्ली के यमुना में भी ‘नहाय खाय’ से भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। नहाय-खाय के दिन, कद्दू और चावल का प्रसाद बनाया जाता है और भक्त इसे लेते हैं। स्नान के दिन से ही घर में सात्विक भोजन बनता है और साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाता है। अब इसी पानी में अर्घ्य भी देंगे भक्त।
दिवाली के दौरान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और आतिशबाजी से दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। यमुना नदी में अमोनिया का स्तर काफी बढ़ गया है। यहां झाग बन गया है। झाग में नहाते भक्तों की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बाद सियासत गरमा गई है।
input – daily bihar
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