पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना के तहत विकसित, एयरपाेर्ट जैसा बनेगा राजेंद्रनगर टर्मिनल, गेट होंगे ऑटोमेटिक, पीपीपी मोड पर विकसित करने के लिए डीपीआर और स्टेशन का मॉडल भी बन रहा है, स्टेशन का विकास सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता उपकरण और ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार किया जाएगा।
राजेंद्रनगर टर्मिनल को नया लुक दिया जाएगा। रेलयात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। ऑटोमेटिक खुलने व बंद होने वाला एक्सेस कंट्रोल गेट लगाया जाएगा। स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत राजेंद्रनगर टर्मिनल को डेवलप करने की तैयारी शुरू हो गई है। पीपीपी मोड पर विकसित करने के लिए डीपीआर और स्टेशन का मॉडल भी बन रहा है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना के तहत विकसित किया जाना है।
ये सुविधाएं होंगी : मॉल भी बनेगा, 170 करोड़ होंगे खर्च : रेलवे के जमीन पर मॉल और मल्टीपर्पस बिल्डिंग बनेगी। स्टेशन का विकास सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता उपकरण और ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार किया जाएगा। 50 साल बाद की अनुमानित यात्री संख्या को आधार मानते हुए सुविधाओं का पुनर्विकास किया जाएगा। इसपर 170 करोड़ से अधिक की लागत आने का अनुमान है। एक्सेस कंट्रोल गेट और प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर व लिफ्ट लगाए जाएंगे। खान-पान, वॉशरूम, पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि की बेहतर सुविधा हाेगी। आसपास की सड़कों को भी बेहतर बनाया जाएगा सर्कुलेटिंग एरिया को पूर्ण सुरक्षित जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। दिव्यांगजनों के लिए रैंप, ब्रेल लिपि आदि की सुविधा रहेगी।
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Input: Daily Bihar