Sponsored
ADMINISTRATION

ई बिहार ह…PMCH का कारनामा…गाे’ली लगी विक्रम काे इलाज चला छोटे भाई सचिन का, जांच शुरू

Sponsored

पीएमसीएच का कारनामा…गाेली लगी विक्रम काे, इलाज चला छोटे भाई सचिन का, थानेदार ने कहा-पीएमसीएच से मांगेंगे इंज्युरी रिपाेर्ट, अाराेपी डाॅक्टर ने कहा-मुझे फंसाने के लिए साजिश, सबसे बड़ा सवाल- इंज्युरी रिपाेर्ट किसकी देगी पुलिस

Sponsored

गाेली लगी विक्रम काे, पीएमसीएच में इलाज चला सचिन का। दाेनाें एक ही, लेकिन पुलिस अाैर अस्पताल के िरकाॅर्ड में अलग-अलग नाम। विगत 18 सितंबर काे कदमकुअां के लाेहानीपुर में अपराधियाें ने जिम ट्रेनर विक्रम काे पांच गाेलियां मारकर घायल कर दिया था। वे खुद ही स्कूटी चलाते पीएमसीएच गए अाैर एडमिट हाे गए। लेकिन, वहां इलाज उनके छाेटे भाई सचिन के नाम से हुअा। 29 सितंबर काे वे डिस्चार्ज हुए। डिस्चार्ज शीट में नाम सचिन ही है। पता अाैर पिता का नाम सही है। विक्रम ने कहा-मेरा नाम सचिन किसने करा दिया मुझे मालूम नहीं है। नाम ठीक कराने के लिए पीएमसीएच का चक्कर लगा रहा हूं। दाे बार शपथपत्र भी दे चुका हूं लेकिन कुछ नहीं हुअा। विक्रम के वकील ने कहा कि पुलिस भी जांच ठीक से नहीं कर रही है। पुलिस की जांच ठीक नहीं हाेने पर हाईकाेर्ट में याचिका दायर करेंगे

Sponsored
DEMO PHOTO

थानेदार ने कहा-पीएमसीएच से मांगेंगे इंज्युरी रिपाेर्ट
कदमकुअां थानेदार विमलेंदु ने बताया कि विक्रम ने घटना के दिन ही 10:15 बजे फर्द बयान दिया। उसमें उसने अपना नाम विक्रम सिंह बताया है। फर्द बयान देने के बाद उसने खुद साइन किया है जिसमें अंग्रेजी में विक्रम सिंह लिखा है। पीएमसीएच से उसकी इंज्युरी रिपाेर्ट मांगी जाएगी।

Sponsored

अाराेपी डाॅक्टर ने कहा-मुझे फंसाने के लिए साजिश
इस मामले में जेल से जमानत पर छूटे डाॅ. राजीव सिंह ने कहा कि मुझे अाैर मेरी पत्नी काे फंसाने के लिए पूरी साजिश की गई। उसके पीएमसीएच में एडमिट हाेने के फाैरन बाद एक अादमी वहां गया, जिसने मेरा अाैर पत्नी का नाम उससे कहलवा दिया। विक्रम ने फर्द बयान में जब मेरा अाैर पत्नी का नाम सही दिया ताे उसका इलाज सचिन के नाम से कैसे चला? अस्पताल अब इसमें किसकी इंज्युरी रिपाेर्ट देगी? जेल में रहते मेरे खाते से 12.22 लाख रुपए निकल गए जबकि मेरा माेबाइल पुलिस के पास था।

Sponsored

विक्रम सिंह गाेलीकांड चर्चित रहा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अाखिर विक्रम काे गाेली लगी अाैर उसका इलाज सचिन के नाम पर कैसे चला? इसके पीछे किसी ने साजिश की? पीएमसीएच के किसी डाॅक्टर ने जानबूझकर एेसा किया? इतनी बड़ी गलती का जिम्मेवार काैन है? जब विक्रम का इलाज सचिन के नाम पर हुअा ताे पुलिस कैसे इंज्युरी रिपाेर्ट काेर्ट में देगी? सबसे बड़ी बात यह है कि 10 दिन तक वह अस्पताल में रहा, इस दाैरान किसी की नजर रिकाॅर्ड पर नहीं गई? जिन लाेगाें ने गलती की उनपर कार्रवाई हाेगी?

Sponsored
Sponsored
Abhishek Anand

Leave a Comment
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored