अब अपनी अविवाहित संतान पर आश्रित माता-पिता भी पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे। वित्त विभाग ने राज्य कैबिनेट के इस फैसले को प्रभावी बनाने के लिए मंगलवार को संकल्प जारी किया तस्थ यह फैसला राज्य में लागू भी हो गया। दरसल संकल्प के मुताबिक जिन माता-पिता के सन्तान की सरकारी सेवा में रहने के दौरान मृत्यु हो गई है। उन्हें पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा, ऐसे दिवंगत कर्मी का कोई अन्य आश्रित जीवित नहीं है। उनके माता-पिता संतान की आय पर ही आश्रित रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पहले अविवाहित सरकारी कर्मियों के सेवा काल में आकस्मिक निधन होने पर माता-पिता को आश्रित मानकर पारिवारिक पेंशन देने की व्यवस्था नहीं थी। केवल पति-पत्नी या संतान इसके हकदार होते थे।
केंद्र सरकार की सेवा में पहले से जारी इस पेंशन प्रविधान को बिहार सरकार ने लागू किया है। केंद्रीय प्रविधान में माता-पिता की आय-सीमा तय की गई थी। यह सभी स्रोतों से 2,550 रुपये मासिक थी। अतः इससे अधिक आय वाले आश्रितों को यह पेंशन नहीं दी जाती थी। राज्य सरकार ने न्यूनतम आय की इस सीमा को बढ़ा कर साढ़े नौ हजार रुपये कर दिया है।
जो सरकारी कर्मि अविवाहित है यदि सेवा काल के दौरान उनकी आकस्मिक निधन हो जाती थी तो माता-पिता को आश्रित मानकर पारिवारिक पेंशन नही दिया जाता था। सिर्फ पति-पत्नी या संतान ही इसके हकदार होते थे।

दरसल राज्य सरकार के पास ऐसे कई आवेदन आए, जिनमें बताया गया कि अविवाहित संतान के निधन होने के बाद माता-पिता को कोई आर्थिक सुरक्षा नहीं मिल रही है, जबकि वे संतान पर ही आश्रित थे। इन शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने मानवीय आधार पर यह फैसला किया। पेंशन के लिए परिवार की परिभाषा में आश्रित माता-पिता को भी पेंशन योग्य मानते हुए उन्हें पात्र घोषित किया गया। अब राज्य कैबिनेट के इस फैसले को प्रभावी बनाने के लिए वित्त विभाग ने मंगलवार को संकल्प जारी किया है।
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