भोपाल के इंटरप्रेन्योर आशुतोष गिरी और उनके साथी प्रियंका गिरी और बाला सुब्रमण्यम के स्टार्टअप ने नेशनल स्टार्टअप अवार्ड का खिताब अपने नाम किया है. इसके साथ ही उन्हें देश के प्रधानमंत्री से सराहना भी मिली है. आशुतोष गिरी को पैडमैन की तरह टॉयलेट मैन का टाइटल मिला है. आशुतोष आज एक सफल इंसान बन चुके हैं लेकिन उनका यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं रहा है.
अपने सपने के लिए छोड़ दी लाखों की नौकरी
Sharing insights on Cloud IoT based E-TOILETS Business Models for public toilets, Mr Ashutosh Giri, Founder, Fresh Rooms highlighted its importance in urbanisation. He spoke of the urgent need to automate toilets to achieve positive health outcomes & environmental sustainability. pic.twitter.com/C5KVmKO9iL
— Swachh Bharat Urban (@SwachhBharatGov) June 24, 2022
उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए लाखों का सैलरी पैकेज छोड़ दिया और फ्रेश रूम्स जैसा स्टार्टअप शुरू किया. दैनिक भास्कर को दिए साक्षात्कार में आशुतोष ने बताया कि जब उन्होंने लाखों की सैलरी छोड़कर पब्लिक टॉयलेट खोलने की बात कही तो उनके ही परिवार ने उन्हें पागल समझा. हालांकि मजबूत इरादे रखने वाले आशुतोष ने बिना किसी की सुने जॉब से रिजाइन कर दिया और अपने दम पर फ्रेश रूम्स को खड़ा किया.
Parle-G खा कर बिताईं रातें
ऐसे में उनके सामने कई समस्याएं भी आईं. उनके पास कई बार इतने ही पैसे होते थे जिससे वह इन्वेस्टर्स के पास पहुंच सकें. इसके अलावा अनजान शहर में रुकने और खाने का कोई ठिकाना नहीं था. आशुतोष बताते हैं कि कई बार उन्होंने पानी के साथ Parle-G खाकर रातें बिताई हैं. इन सबके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी.
आशुतोष का आइडिया ऐसा था जो आसानी से लोगों को समझ नहीं आता था. उन्होंने जब अपने फ्रेश रूम्स के आइडिया को इन्वेस्टर के सामने रखा तो कई उन्हें करोड़ों का ऑफर भी दिया लेकिन उनकी शर्त यही थी कि वह अपने आइडिया में वॉशरूम को न रखें. बहुतों को ये लगता था कि लोग पब्लिक टॉयलेट में 2 रूपए नहीं देते फिर यहां इसके लिए 10 रूपए कौन देगा ?
क्या है फ्रेश रूम्स?
Meet Ashutosh Giri, founder of Fresh Rooms. See how the #StartUp is transforming public sanitation with smart toilets. Watch Brand New episode of Startup Champions at 10 PM on 6 March, @DDIndialive @startupindia @PMOIndia #AatmanirbharBharat pic.twitter.com/SrJoqjFaEZ
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बता दें लो फ्रेश रूम्स एक स्मार्ट टॉयलेट है जो मोबाइल से ओपन होता है, यहां बिना छुए अपने आप टॉयलेट सीट ओपन हो जाती है और यूज करने के बाद अपने आप क्लीन भी हो जाती है ? भोपाल में बने 10 नंबर मार्केट के फ्रेश रूम्स में मोबाइल ऐप से QR Code स्कैन कर आप स्मार्ट टॉयलेट यूज कर सकते हैं.
आशुतोष ने बताया कि उन्हें ये आइडिया काम के सिलसिले में ट्रेवल करने के दौरान आया. वह काफी यात्राएं किया करटे थे. कई बार उन्हें किसी शहर में कुछ घंटों का काम ही होता था. ऐसे में किसी बड़े होटल में रुकना बहुत महंगा पड़ता था. तब उन्होंने सोचा कि क्यों न मिडिल क्लास लोगों के लिए एक अफोर्डेबल लाउंज बनाया जाए. जहां वो कुछ घंटों के लिए आराम से फ्रेश हो सकें और कुछ देर की नींद भी ले सकें.
‘फ्रेश रूम्स’ नामक यह लग्जरी टॉयलेट ह्यूमन सेंसर से काम करते हैं. यहां एक ऐसा जॉन भी बनाया गया है जिसे स्मार्ट नैप जोन कहा जाता है. इस जोन में 2 से 3 घंटे की नींद ली जा सकती है, जिसके लिए 250 रूपए चुकाने पड़ते हैं.
इस स्टार्टअप की सफलता आप इससे समझिए कि, इसके लिए आशुतोष को पीएम के द्वारा टॉयलेट मैन का टाइटल भी मिल चुका है. भोपाल से शुरू हुए फ्रेश रूम ने देश के 1600 स्टार्टअप में पहला स्थान हासिल कर नेशनल स्टार्टअप अवार्ड भी अपने नाम किया है.