अब पटना यातायात पुलिस किसी आम राहगीर के साथ मनमानी नहीं कर सकती। साथ ही पुलिस पर झूठे आरोप लगाने वाले भी नहीं बच सकते। ट्रैफिक पुलिस के कंधे पर बॉडी वॉर्न कैमरा लग गया है। फिलहाल यातायात पुलिस के छह सेक्टर प्रभारियों को ही यह कैमरा दिया गया है।
डाकबंगला चौराहा, कोतवाली थाने के सामने सहित अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात पुलिसकर्मियों को यह कैमरा उपलब्ध करवाया गया है। इसे ऑन कर पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं।
वाहन चेकिंग के दौरान अगर कोई भी पुलिस पर रिश्वत लेने या खराब व्यवहार से संबंधित आरोप लगाता है तो पुलिसकर्मी के कंधे पर लगे बॉडी वॉर्न कैमरे में रिकॉर्ड वीडियो के जरिये सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। इससे कोई पक्ष झूठा आरोप नहीं लगा सकेगा।
क्या होता है बॉडी वॉर्न कैमरा
बॉडी वॉर्न कैमरा पुलिसकर्मियों की वर्दी पर ही लगा रहता है। यह मोबाइल के आकार का है। इसमें होने वाली रिकॉर्डिंग उसमें लगे सॉफ्टवेयर में सेव होती है। इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। कोई भी पुलिसकर्मी कार्रवाई के दौरान फुटेज को अगर डिलीट भी करना चाहे तो उसे हटाना संभव नहीं है। यानी कैमरे में कैद पूरी फुटेज को देखा जा सकता है।
कैमरे लगाने से पुलिस व लोगों को ये फायदे होंगे
यह कैमरा सारी गतिविधियों को रिकॉर्ड करेगा। वहीं पुलिस पर अगर कोई हमला करता है तो उसके सबूत भी इस कैमरे में रिकॉर्ड हो जाएंगे। इसके साथ ही पुलिस व आम लोगों के बीच टकराव या विवाद की स्थिति में बॉडी वार्न कैमरा से घटना की पूरी और सही जानकारी सबूत के साथ मिलेगी। कोई पक्ष झूठ का सहारा नहीं ले सकेगा और पुलिस को भी आसानी रहेगी। वहीं इससे रिश्वतखोरी की शिकायतें भी कम होंगी। डॺूटी के दौरान पुलिस भी सतर्क रहेगी।
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पुलिस के पास है बॉडी वॉर्न कैमरा
देश के बड़े शहरों की पुलिस पहले से बॉडी वॉर्न कैमरे का इस्तेमाल करती है। दिल्ली, मुंबई, गुजरात, कोलकाता व चेन्नई पुलिस के पास यह कैमरा उपलब्ध है।
इन अफसरों को दिया गया बॉडी वॉर्न कैमरा
एएसआई रामयोध्या पांडेय – आरएन सिंह मोड़
एसआई रामानंद यादव – कोतवाली टी
एएसआई आशिक खां – डाकबंगला
एएसआई राकेश कुमार सिंह – बोरिंग रोड चौराहा
एएसआई परशुराम सिंह – पहाड़ी
वीरेंद्र कुमार गांधी सेतु पाया नंबर 46