हमारे सिस्टम में हुई गलतियों को देखकर अब ये मान लेना ही सही होगा कि हर बार सांसें बंद होने पर ही इंसान मृत नहीं होता. बल्कि, कई बार चलता-फिरता इंसान भी सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया जाता है. देश ने पहले भी कई ऐसे सरकारी लापरवाही के मामले देखे हैं लेकिन ये ताजा मामला किसी एक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा नहीं है.
5 जिंदा बुज़ुर्ग हुए मुर्दा घोषित
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आपने ये कहावत तो सुनी होगी कि मुर्दे भी बोलते हैं. बुंदेलखंड के महोबा जिले में ये कहावत सच हुई. यहां एक नहीं बल्कि पांच लोगों ने अपने जिंदा होने की गुहार लगाई है. दरअसल, इन पांच लोगों को मृत घोषित कर इनकी पेंशन बंद कर दी गई. अब ये पांचों बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने की कोशिशों में लगे हुए हैं. न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, ये मामला कबरई विकास खंड के पचपहरा गांव का है.
गले में तख्ती लटकाए घूम रहे बुजुर्ग
“साहब मैं जिंदा हूं” की तख्ती डालकर ज़िंदा होने की गुहार लगाने महोबा के DM कार्यालय पहुंचे 6 बुजुर्ग, डेढ़ वर्ष से नहीं मिली पेंशन
◆वृद्धजनों ने बताया- ‘पूर्व ग्राम अधिकारी ने ₹500 की रिश्वत न देने पर उन्हें मरा हुआ कागजों में दिखाया, जिसके बाद पेंशन आना बंद हुई’@DmMahoba pic.twitter.com/N5tsw6JVkw
— News24 (@news24tvchannel) July 26, 2022
पचपहरा के रहने बाले पांच व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने के लिए गले मे तख्ती लटकाए घूम रहे हैं. इस तख्ती पर लिखा हुआ है ‘अभी मैं जिंदा हूं’. ये अपने जिंदा होने का सबूत खुद से देते हुए सरकारी सिस्टम को कोस रहे हैं. वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले इन बुजुर्गों का आरोप है कि गांव के पूर्व पंचायत सेकेट्री विक्रमादित्य ने आपसी रंजिश के कारण सरमन, गिरजरानी, कालिया, सुरजी नन्दकिशोर, राकेश रानी नामक इन बुजुर्गों को जिंदा होने के बाबजूद सरकारी दस्तावेजों में मृत करार दे दिया है. कागजों में मृत घोषित किए जाने के बाद अब इन गरीब असहाय बुजुर्गों को सरकार की तरफ से मिलने वाली वृद्ध पेंशन योजना का लाभ नही मिल पा रहा है .
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वृद्धावस्था पेंशन के अलावा इन पांचों बुजुर्गों के पास अपना पेट पालने का कोई अन्य साधन नहीं है. यही कारण है कि यह सभी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर गले मे तख्ती डालकर अपने जिंदा होने का सबूत देने को मजबूर हो गए हैं.
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
इस विषय में विभागीय जाँच के आदेश निर्गत कर दिये है। जांचोपरांत दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारीगण पर उचित कार्यवाही होगी।
— DM Mahoba (@DmMahoba) July 26, 2022
महोबा जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि कबरई विकासखंड के पचपहरा गांव के ग्रामीण उनके पास आए. उन्होंने आरोप लगाया है कि गांव में तैनात पूर्व पंचायत सेक्रेट्री विक्रमादित्य ने करीब 6 ग्रामीणों का नाम वृद्धावस्था पेंशन से काट दिया है. साथ ही इन सभी को सत्यापन रिपोर्ट में मृत दर्शाया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम, सीडीओ को जांच सौंपी गई है. इस रिपोर्ट के आने के बाद आरोपी पंचायत सेक्रेटरी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. इसके साथ ही सभी बुजुर्ग ग्रामीणों को सरकार की महत्वाकांक्षी वृद्धावस्था पेंशन का लाभ भी मुहैया कराया जाएगा.