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मुजफ्फरपुर के रेडलाइट एरिया में अब दिखने लगा बदलाव, यहां महिलाएं में जगी स्वरोजगार की आस

जीविका समूह के बाद अब रेडलाइट एरिया की महिलाओं को लेदर कलस्टर से जोड़ा गया है। उद्योग विभाग की पहल पर में यहां की महिलाओं में स्वरोजगार की आस जगी है। पहले चरण में इस एरिया में संचालित जोहरा संर्वद्धन स्वयं सहायता समूह की दस महिलाओं का चयन किया गया है। इसमें से दो वहां पर जाकर काम करना शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में इसकी संख्या में इजाफा होगा।

बाजार दिलाने का काम करेगा विभाग 

जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि चतुर्भुज स्थान इलाके में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सहयोग से चल रहे जोहरा संर्वद्धन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिले। यहां पर रेडीमेड क्लस्टर का निर्माण हो, इस दिशा में पहल शुरू कर दी गई है। इससे यह जिले का एक माडल समूह बन जाएगा। यह समूह जो उत्पादन करेगा, उसको बाजार दिलाने का काम विभाग करेगा। वह बैंक से समूह को जोड़ेंगे, ताकि उनको आर्थिक सहायता मिले। बताया कि इस कडी में लेदर क्लस्टर से जोडा गया है। जिलाधिकारी प्रणव कुमार व उपविकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी की देखरेख में इस जीविका समूह के बाद महिलाओं का एक दूसरा समूह है जिसको स्वरोजगार से जोडने की पहल चल रही है। इस काम में वहां की समाजिक कार्यकर्ता नसीमा खातून का सराहनीय सहयोग है। जिला महाप्रबंधक ने बताया कि ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को उद्योग विभाग भी सहयोग करेगा। यहां महिलाएं एक समूह में दुकान से बचे कपड़े लाकर लेडिज रेडीमेड वस्त्र तैयार कर रही हैं। अब उद्योग विभाग रेडिमेड क्लस्टर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। समूह की अध्यक्ष अमरूल निशां, कोषाध्यक्ष शमीमा खातून ने बताया कि समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं।

सिलाई सेंटर पर तैयार हो रहा वस्त्र

शमीमा ने बताया कि बचे कपड़े को जमा करने के बाद जोहरा सिलाई सेंटर में महिलाएं वस्त्र तैयार करती हैं। थान से बचा कपड़ा कम रेट में मिल जाता है। उद्योग विभाग से समन्वय बनाने वाली परचम संगठन की सचिव नसीमा खातून ने बताया कि इस समूह को पूर्ण रूप से सक्रिय करने के लिए जिला उद्योग केंद्र और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अधिकारी से मिलकर पहल की गई है। जिला उद्योग विभाग के सहयोग से समूह को तकनीकि व बैंकिग सहयोग मिल रहा है।

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