प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत हसीना फ़ाख़रू को 2.5 लाख रुपये की अनुदान राशि मिली थी. परिवार ने घर बनवाने के लिए 1 लाख रुपये और जोड़े थे. हसीना का घर 6 महीने पहले ही बनकर तैयार हुआ था. बीते सोमवार को ज़िला खरगोन, मध्य प्रदेश (Khargone, Madhya Pradesh) के ज़िला प्रशासन ने हसीना के घर पर बुलडोज़र चलवा दिया.
ज़िला प्रशासन का कहना था कि ये घर सरकारी ज़मीन पर बना था और इसलिए अवैध था. खरगोन में राम नवमी के दिन हिंसा भड़क उठी. इसके बाद ज़िला प्रशासन ने 12 घरों पर बुलडोज़र चलवा दिए.
हसीना फ़ाख़रू के बेटे, अमजद ख़ान ने बताया कि ज़िला प्रशासन से संबंधित लोग आए और बताया कि उनका घर सरकारी ज़मीन पर बनाया गया है. घर को बुलडोज़र चलाकर तोड़ दिया गया. अमजद का कहना है कि घर के दरवाज़े पर ये लिखा हुआ था कि ये घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गया है. इसे नज़रअंदाज़ करते हुए घर को तोड़ा गया.
अमजद ख़ान के शब्दों में, ‘सोमवार सुबह, म्युनिसिपल वर्कर्स की टीम बुलडोज़रों के साथ आई. हमने उनसे घर न तोड़ने की विनती की लेकिन उन्होंने कुछ ही मिनटों में घर तोड़ डाला.’
घर के कागज़ात के मुताबिक, बिड़ला मार्ग पर बना ये घर हसीना फ़ाख़रू के नाम पर था. हसीना के पति पीएम आवास योजना के लाभार्थी थे. पति की मौत के बाद हसीना के नाम पर घर बना. Deccan Herald की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक ये परिवार इसी प्लॉट पर कच्चे मकान में रहता था. जब पीएम आवास योजना की रकम मिल गई तब उन्होंने पक्का मकान बनवाया.
अमजद ख़ान के शब्दों में, ‘घर बनने से पहले उन्होंने नहीं कहा कि ये सरकारी ज़मीन है. अब जब हमने मेहनत का पैसा (पीएम आवास योजना के तहत मिली रकम के अतिरिक्त) लगाकर घर बनाया तब उन्होंने घर तोड़ दिया.’
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अधिकारियों का कहना है कि ये घर कहीं और बनना था और यहां रहने के अलावा दूसरे काम हो रहे थे. चीफ़ म्युनिसिपल ऑफ़िसर प्रियंका पटेल ने कहा, ‘पीएम आवास योजना के तहत लोगों को रहने के लिए घर मिलना था लेकिन जब म्युनिसिपल टीम वहां पहुंची तो पता लगा कि यहां कुछ और काम चल रहा था. यहां कोई रह नहीं रहा था. उन्होंने सरकारी ज़मीन पर घर बना लिया जबकि योजना के तहत उन्हें दूसरी जगह ज़मीन दी गई थी. तहसील कोर्ट में अतिक्रमण का केस भी चल रहा था. तहसीलदार ने घर हटाने के ऑर्डर दिए थे.’
राम नवमी के दिन भड़की हिंसा
राम नवमी के दिन खरगोन में हिंसा भड़क उठी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम नवमी के जुलूस पर असामाजिक तत्वों ने पत्थर फेंके जिसके बाद हिंसा भड़क उठी. कई गाड़ियां फूंक दी गईं. ज़िले के तीन इलाकों में धारा 144 लगाई गई. हालात काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इसके बाद ज़िला प्रशासन ने अलग-अलग क्षेत्रों में 16 घर, 29 दुकानों को ध्वस्त किया गया. इन सभी पर अवैध निर्माण, अतिक्रमण का आरोप है.