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भारत के पहले बुलेट ट्रेन स्टेशन की झलक आई सामने, जानिए कब शुरू होगा परिचालन

Indias First Bullet Train Station: जी हाँ भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए गुजरात के सूरत में पहला स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। स्टेशन की पहली झलक आखिरकार सामने आ गई है। रेल राज्य मंत्री दर्शन जरदोश ने गुरुवार को स्टेशन की तस्वीरें ट्वीट करते हुए खुलासा किया कि इसका भीतरी हिस्सा एक चमचमाते हीरे जैसा होगा।

उन्होंने लिखा कि सूरत के बुलेट ट्रेन स्टेशन की पहली झलक आप सभी के साथ साझा करती हूं। अत्याधुनिक मल्टी-लेवल स्टेशन का ये बाहरी भाग होगा और स्टेशन का अंदरूनी हिस्सा एक जगमगाते हीरे की तरह होगा। आप सभी के लिए सूरत के बुलेट ट्रेन स्टेशन की ये पहली झलक है।

surat bullet train station
सूरत के बुलेट ट्रेन स्टेशन की पहली झलक

भारत का पहला बुलेट स्टेशन

सूरत का ये स्टेशन अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन रूट (एमएएचएसआर) के बीच तैयार होने वाला भारत का पहला स्टेशन होगा। एमएएचएसआर कॉरिडोर में सूरत, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद, साबरमती, बिलिमोरा, भरूच, मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी स्टेशनों में 12 स्टेशन शामिल होंगे।

first bullet station of India
भारत का पहला बुलेट स्टेशन

अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना महाराष्ट्र के मुंबई और गुजरात के अहमदाबाद के बीच यात्रा के समय को सीमित स्टॉप के साथ घटाकर 2.07 घंटे और हर स्टेशन पर रुकने के बावजूद 2.58 घंटे कर देगी।

बुलेट ट्रेन जापानी शिंकानसेन टेक्नोलॉजी (Shinkansen Technology) पर चलाई जाएगी। जो पूरी दुनिया में अपनी विश्वसनीयता और सुरक्षा सुविधाओं के लिए मशहूर है।

320 किमी प्रति घंटा से होगी परिचालन

Ahmedabad-Mumbai Bullet Train
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन की अधिकतम डिजाइन गति 350 किमी प्रति घंटा होगी और अधिकतम परिचालन गति 320 किमी प्रति घंटा होगी। लगभग 5 साल पहले सितंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद के साबरमती में 1.1 लाख करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी थी।

 

परियोजना का पहला चरण 2026 में होगा शुरू

इस ट्रेन परियोजना का पहला चरण 2026 तक सूरत और बिलिमोरा के बीच शुरू होगा। भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (National High Speed Rail Corporation Limited-NHSRCL) द्वारा चलाया जाएगा।

जिसने हाल ही में डिजाइन के साथ-साथ लगभग 8 किलोमीटर लंबे वायडक्ट (viaduct) को बनाने के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एल एंड टी) के साथ एक सौदा किया है।