भारतीय नौसेना (Indian Navy) की महिला पायलट्स ने इतिहास रच दिया. भारतीय नौसेना की ऑल विमने क्रू सदस्यों (All Women Crew Members) ने Donear 228 विमान के ज़रिए उत्तरी अरब सागर का निगरानी मिशन (Surveillance Mission) पूरा किया. बीते गुरुवार को भारतीय नौसेना ने ये जानकारी दी.
पोरबंदर, गुजरात (Porbandar, Gujarat) स्थित आईएनएस 314 नेवल स्क्वाड्रन की पांच महिलाओं ने नारी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए उत्तरी अरब सागर में मेरीटाइम रुकॉनोसेंस ऐंड सर्वेलेंस मिशन (Reconnaissance and Surveillance Mission) पूरा किया.
इतिहास रचने वाली महिलाओं से मिलिए
इस मिशन की मिशन कमांडर थीं लेफ़्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा. इस मिशन में दो पायलट्स- लेफ़्टिनेंट शिवांगी और लेफ़्टिनेंट अपूर्वा गिते, टैक्टिकल ऐंड सेंसर ऑफ़िसर्स- लेफ़्टिनेंट पूजा पांडा और सब लेफ़्टिनेंट पूजा शेखावत भी शामिल थी.
3 अगस्त को रचा इतिहास
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The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, 3 अगस्त को नौसेना की पांच महिला अफ़सरों ने इतहास रचा. नौसेना कमांडर विवेक मधवाल ने ये जानकारी दी. आईएएनएस 314 एक फ्रंटलाइन नेवल एयर स्क्वाड्रन है जिसका बेस पोरबंदर, गुजरात है. यहां से स्टेट-ऑफ-द-आर्ट डोर्नियर 228 मेरीटाइम रुकॉनोसेंस एयरक्राफ़्ट ऑपरेट किया जाता है.
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महीनों तक चली ग्राउंड ट्रेनिंग
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महिला अफ़सरों की कई महीनों तक ग्राउंड ट्रेनिंग हुई. अफ़सरों को रन-अप सॉर्टी में मिशन ब्रीफ़िंग्स भी मिलती रही. कमांडर मधवाल के अनुसार, ये अपने तरह की पहली मिलिट्री फ़्लाइंग थी और इसके बाद नौसेना में महिलाओं के लिए नए रास्ते खुलेंगे.
2018 में भारतीय नौसेना की महिलाओं ने समंदर में 8 महीने यानि 254 दिन की यात्रा की. आईएनएसवी तारिणी के ज़रिए इन महिलाओं ने 4 महाद्वीप और 5 देशों का सफ़र किया. लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में महिला अफ़सरों ने दुनिया के चारों तरफ़ सेलिंग सर्कमनैविगेशन एक्सपीडिशन पूरा किया था.