बिहार में आईटी सेक्टर में मिलेंगी लाखों नौकरियां, बनाया जा रहा रोडमैप : बिहार में रोजगार सृजन को लेकर एक बड़ी पहल हो रही है। इस बार सरकार आईटी सेक्टर में नौकरियों को बढ़ावा देने का प्लान तैयार कर रही है। आईटी सेक्टर में रोजगार सृजन के लिए अगले दो वर्षों का रोडमैप बनाया जा रहा है। इस बारे में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि आईटी सेक्टर का रोडमैप बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
सूबे को आईटी निवेश के लिए एक हॉट-स्पॉट के रूप में बनाने की रणनीति पर चर्चा हो रही है। मंत्री ने कहा कि जल्द ही अधिकारी आईटी सेक्टर का रोडमैप बना लेंगे। रोडमैप में रोजगार के नए अवसरों के सृजन का प्रारूप होगा, जिसके आधार पर लाखों नौजवानों को आईटी सेक्टर में रोजगार मिलेगा।
आईटी प्रोफेशनल्स को इन सेक्टर में बढ़ावा मिलेगा
विभाग द्वारा अभी राज्य डाटा सेंटर और बीएसडब्ल्यूएएन, एकीकृत सेवा पोर्टल, बिहार आधार प्रमाणीकरण फ्रेमवर्क, ई-ऑफिस, माय-गवर्नमेंट, सीडीएसी-पटना और एनआईईएलईटी, पब्लिक वाई-फाई हॉट स्पॉट, एग्री सीओई, एसटीपीआई पटना, वर्ल्ड क्लास आईटी टावर, आईटी पार्क, आईटी सिटी और स्टार्ट अप हब योजना पर तेजी से काम चल रहा है। इन योजनाओं में आईटी प्रोफेशनल्स को काम मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
एक साल में दो लाख रोजगार सृजित होने का दावा
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि पिछले एक साल में सूबे में एमएसएमई क्षेत्र में दो लाख रोजगार सृजित हुए हैं। मंत्री ने अपने रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है। बताया कि कोरोना काल में पश्चिम चंपारण जिले में चनपटिया मॉडल अद्भूत रूप से उभरा है। लॉकडाउन में यहां लौटे कामगारों ने अब यहां दूसरों को रोजगार देना शुरू कर दिया है। एक-एक इकाई में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है। मंत्री ने यह भी बताया कि सूबे में 38 हजार करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव आया है। इसमें अकेले इथेनॉल उत्पादन से जुड़े प्रोजेक्ट 30382 करोड़ रुपए के हैं।
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निवेश से जुड़े प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, कृषि, प्लास्टिक एवं रबरसे हैं। बताया कि सूबे में अब तक 87 औद्योगिक इकाइयां लगाई गईं हैं। इसके अलावा 17 इथेनॉल इकाइयों का प्रस्ताव मंजूर हुआ है। इनमें से इथेनॉल के चार प्लांट बनकर तैयार हो गए हैं। अगले एक-दो महीने में चार प्लांट शुरू हो जाएंगे।